दिल्ली में बन रहे द्वारका एक्सप्रेसवे को लेकर इन दिनो खुब चर्चा हो रही है क्योंकी बीते दिनों दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाए थे की एक्सप्रेसवे को बनाने में बड़ा घोटाला हुआ है। आपको बता दें द्वारका एक्सप्रेसवे को लेकर कैग की आडिट रिपोर्ट आई जिसमें घोटाले का जिक्र किया गया है।
कैग की रिपोर्ट को मंत्रालय ने नकारा
लेकिन अब कैग की रिपोर्ट को केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय ने नकार दिया है। मंत्रालय ने कहा है कि कैग की रिपोर्ट में कई तकनीकी खामियां हैं इसके अलावा उसने इसमें अन्य खर्चों की लागत को एड नहीं किया है। ऐसे में प्रोजेक्ट की लागत को अधिक बताना गलत है क्योंकि हमने तो पूरे प्रोजेक्ट में 12 प्रतिशत की बचत की है।
लागत को बढ़ाकर 251 करोड़ किया गया – रिपोर्ट
खबरों के मुताबिक, कैग ने अपने लेखा परीक्षण में यह पाया है कि एनएचएआई के द्वारका एक्सप्रेस के हरियाणा वाले हिस्से को ‘एलिवेटेड’ मार्ग के रूप में बनाने के फैसले ने इसकी निर्माण लागत को बढ़ाकर 251 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर कर दिया। जबकि पुराना अनुमान 18.2 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर लागत का था।
इसका मतलब है कि इस प्रोजेक्ट के तहत निर्माण कार्य तय राशि से 14 गुना ज्यादा कीमत लगाई गई है।
भारतमाला परियोजना के तहत राजमार्गों का हो रहा विकास
भारतमाला परियोजना के तहत राजमार्गों के विकास के पहले चरण पर आई कैग की ऑडिट रिपोर्ट ने नए राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। क्योंकी विपक्षी दल इस रिपोर्ट के आधार पर परियोजना के आवंटन में भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं।
दिल्ली के सीएम ने केंद्र पर लगाए आरोप
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी केंद्र सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था की मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार के 75 वर्ष के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। बता दें कि द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण दिल्ली से गुरुग्राम को जोड़ने के लिए किया जा रहा है। इस परियोजना का विकास दिल्ली और गुरुग्राम के बीच नेशनल हाईवे 48 के सामानांतर विकसित किया गया है। ताकि नेशनल हाईवे पर भीड़ को कम किया जा सके।
भारतमाला परियोजना के तहत 76,999 किलोमीटर सड़के बनाई गई
इसके साथ ही कैग की रिपोर्ट भारत माला परियोजना के तहत बन रहे सकड़ों के स्वीकृत और लागत राशि पर भी कई सवाल उठाए हैं। कैग रिपोर्ट के मुताबिक अभी उसने एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट की 2017 से 2021 तक की रिपोर्ट का ऑडिट किया है। कैग ने द्वारका एक्सप्रेसवे के साथ दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे पर निर्माण को लेकर भी सवाल खड़े किए है कैग रिपोर्ट के अनुसार यह प्रोजेक्ट CCEA की ओर से स्वीकृत परियोजना की सूची में ही नहीं था। यानी एनएचएआई ने अपने स्तर पर 33 हजार करोड़ रुपये खर्च कर किए CAG की रिपोर्ट के मुताबिक भारतमाला परियोजना एक के तहत 76,999 किलोमीटर की सड़कें बनाई जा रही है. इसमें से 70,950 किलोमीटर सड़क NHAI बना रहा है।
91,000 करोड़ रुपये से हो रहा राजमार्गों का विकास
भारतमाला परियोजना के बारे में बात करें तो इसेक तहत सड़कों का विकास किया जाना है। इसलिए भारतमाला परियोजना के पहले चरण में 5,000 किलोमीटर लंबे राजमार्गों के लिए 91,000 करोड़ रुपये की लागत को सड़क परिवहन मंत्रालय ने 10 अगस्त 2016 को अंतिम रूप दिया था।
देश की आठ लेन वाली पहली सड़क
मंत्रालय के मुताबिक यह एलिवेटेड मार्ग के रूप में विकसित होने वाली देश की आठ लेन वाली पहली सड़क होगी । इन सबके बीच द्वारका एक्स्प्रेस को बनाने में आने वाले खर्च को लेकर सवाल किए जा रहै है क्योंकी कैग की रिपोर्ट में इस तरह के कई बड़े खुलासे हो चुके है।