हरिद्वार : एग्रीकल्चरल स्किल काउन्सिल ऑफ इण्डिया, स्किल इण्डिया तथा नेशनल स्किल डेवलपमेंट कार्पोरेशन के संयुक्त तत्वावधान एवं पतंजलि बॉयो रिसर्च इंस्टीट्यूट के सहयोग से पतंजलि अनुसंधान संस्थान में चार दिवसीय ‘ट्रेनिंग ऑफ मास्टर्स ट्रेनर्स’ संगोष्ठी का शुभारम्भ किया गया। इस योजना के अन्तर्गत किसानों को मृदा परीक्षण तथा जैविक कृषि का प्रशिक्षण दिया जायेगा।कार्यक्रम का शुभारम्भ स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण तथा एग्रीकल्चरल स्किल काउन्सिल ऑफ इण्डिया के प्रतिनिधि राजकुमार ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने कहा कि भारत सरकार की स्किल इण्डिया योजना किसानों के हित में निश्चित ही एक सराहनीय कदम है।
उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी का उद्देश्य कम लागत में अधिक उत्पादन कर पारम्परिक जैविक कृषि को बढ़ावा देना है। बॉयो फर्टीलाइजर मृदा की गुणवत्ता के लिए हितकर हैं। आज बीज की किस्म को उन्नत कर कृषि पैदावार को बढ़ाने की आवश्यकता है। जनमानस की आवश्यकता है रसायनमुक्त एवं शुद्ध भोजन जो केवल जैविक कृषि से ही सम्भव है। उन्होंने कहा कि हमें समग्र, स्थायी, विकेन्द्रिकृत एवं न्यायपूर्ण विकास पर ध्यान केन्द्रित करना है। कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि सदैव कृषकों के समग्र विकास के लिए कार्य करती रही है। राष्ट्रनिर्माण के कार्य में हमें कृषि विज्ञान का उपयोग करते हुए कार्य करना है। इस बड़ी योजना को मूर्त रूप प्रदान करने तथा इसे सफल बनाने के लिए हमें टीम वर्क के तहत काम करना होगा।
पतंजलि किसानों को जैविक कृषि का देगी प्रशिक्षण
आचार्य ने कहा कि 50,000 कृषकों के उत्पाद को बॉयबैक करने की योजना पर तेजी से कार्य किया जा रहा है।इस अवसर पर एग्रीकल्चरल स्किल काउन्सिल ऑफ इण्डिया के प्रतिनिधि राजकुमार ने कहा कि आज किसानों की क्षमता वृद्धि पर बल दिया जाना नितांत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारत में लगभग 1-7 लाख मास्टर्स ट्रेनर्स की आवश्यकता है। इस योजना का मुख्य लक्ष्य किसानों की आय को दोगुना करना है। इसके लिए नीतिबद्ध योजना को उचित अनुपात में, सही गति के साथ व मानकीकृत करना होगा। कार्यक्रम में 12 प्रदेशों से आये प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ- रविन्द्र बाबू एवं पवन कुमार द्वारा किया गया।