नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली सरकार के दीपचंद बंधु अस्पताल के डाॅक्टरों द्वारा गर्भवती महिला को भर्ती न करने के कारण अस्पताल की पार्किंग में हुई डिलीवरी इस बात का प्रमाण है कि दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी हैं।
केजरीवाल सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर हजारों करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन प्रसव पीड़ा से तपड़ती हुई महिला के साथ डाॅक्टरों के दुर्व्यवहार के कारण उसकी पार्किंग में डिलीवरी करानी पड़ी। इस मौके पर मीडिया प्रमुख अशोक गोयल, पीड़ित महिला राधा के पति मिंटू, सास प्रेमवती और चाची अनीता मौजूद रहीं।
विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि सोमवार को दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिलकर पूरे मामले की विजिलेंस जांच की मांग करेंगे। पीड़िता को जब तक इंसाफ नहीं मिल जाता है तब तक चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, स्वास्थ्य मंत्री सतेन्द्र जैन और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल भी इस मामले में चुप्पी साधकर बैठी हुई हैं, जबकि 21वीं सदी में दिल्ली सरकार के दीपचंद बंधु अस्पताल में रात एक बजे प्रसव से कुछ मिनट पहले एक महिला (राधा) अस्पताल से पर्चा बनवाकर भर्ती होने के लिए दर-दर भटकती है, लेकिन इमरजेंसी वार्ड से उन्हें बाहर निकाल दिया है।
विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना न लागू करने वाले और डेंगू के नाम पर 100 करोड़ का विज्ञापन देने वाले अरविंद केजरीवाल दोषियों के साथ खड़े हैं क्योंकि पीड़ित लोग झुग्गी-बस्ती में रहने वाला परिवार है। यदि दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना लागू की गई होती तो गरीब परिवारों को अस्पतालों में पांच लाख रुपये का मुफ्त इलाज मिलता और उन्हें दर-दर भटकना नहीं पड़ता।