नई दिल्ली में तिब्बती समुदाय ने जी20 शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले शुक्रवार को तिब्बत में अपनी दमनकारी नीतियों को लेकर चीनी सरकार के खिलाफ मजनू का टीला के पास विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों को पोस्टर और प्ले-कार्ड के साथ विरोध करते देखा गया, जिन पर लिखा था’फ्री तिब्बत’। विरोध प्रदर्शन का आयोजन तिब्बती युवा कांग्रेस द्वारा किया गया था।
जानिए चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के पीछे की वजह
तिब्बती युवा कांग्रेस के अनुसार, विरोध अभियान तिब्बत में चीन की कट्टरपंथी दमनकारी नीतियों के साथ-साथ चीन की विस्तारवादी गतिविधियों से संबंधित व्यापक भूराजनीतिक चिंताओं की ओर ध्यान आकर्षित करने और निंदा करने के लिए आयोजित किया गया था, जो न केवल भारत बल्कि आसपास के देशों के लिए भी खतरा है। विरोध प्रदर्शन को देखते हुए मजनू का टीला के पास भारी सुरक्षा तैनात की गई,
चीन पर भरोसा नहीं किया जाना चाहिए
हमें तिब्बती युवा कांग्रेस द्वारा बुलाए गए विरोध प्रदर्शन का अनुरोध प्राप्त हुआ था। हमने उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया, हालांकि, कानून और व्यवस्था और यातायात के मामले में क्षेत्र में शांतिपूर्ण स्थिति के लिए हमने व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की है, डीसीपी उत्तरी दिल्ली सागर सिंह कलसी ने बताया,इससे पहले गुरुवार को, तिब्बती युवा कांग्रेस के अध्यक्ष गोनपो ढुंडुप ने बताया कि विरोध जी20 के सभी 19 देशों को याद दिलाएगा कि चीन पर भरोसा नहीं किया जाना चाहिए। गोनपो ढुंडुप ने कहा, “हम भारत द्वारा जी20 की मेजबानी का विरोध नहीं कर रहे हैं। हमें बहुत गर्व है कि भारत नई दिल्ली में इस प्रतिष्ठित जी20 बैठक की मेजबानी कर रहा है। लेकिन हमारा विरोध चीनी कम्युनिस्ट सरकार के खिलाफ है। चीनी सरकार ने अवैध रूप से हमारे पर कब्जा कर लिया है।तिब्बत में स्थिति बहुत गंभीर है।