600 गज में 15 फैक्ट्री, 100 से ज्यादा थे मजदूर - Punjab Kesari
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600 गज में 15 फैक्ट्री, 100 से ज्यादा थे मजदूर

मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच की टीम को शुरुआती जांच में पता चला है कि 600

नई दिल्ली : मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच की टीम को शुरुआती जांच में पता चला है कि 600 गज की इमारत में 15 फैक्ट्रियां चल रही थीं। इन फैक्ट्रियों में 100 से अधिक मजदूर काम करते थे। ऊपर की तीसरी और चौथी मंजिल पर बने छोटे-छोटे कारखानों को चलाने वाले लोग अपने मजदूरों के साथ वहीं पर सो जाते थे। 
इस हादसे में मजदूरों के साथ कई फैक्ट्री मालिकों की भी मौतें हुई हैं। यहां बता दें कि मंगलवार को क्राइम ब्रांच की टीम मैनेजर फुरकान को लेकर दोपहर करीब 12:00 बजे इमारत में पहुंची थी। इस दौरान पुलिस फुरकान को मौत की इमारत में हर फ्लोर पर लेकर पहुंची। पुलिस का मकसद यह जानना था कि इमारत में किस फ्लोर पर क्या काम होता था और कितनी फैक्ट्रियां थीं। 
इसी दौरान पुलिस को पता चला कि इमारत में अलग-अलग हिस्सों में कुल 15 छोटी-बड़ी फैक्ट्रियां चल रही थीं। इन फैक्ट्रियों में करीब 100 से अधिक मजदूर काम करते थे। ऊपर की इमारत में जो छोटी-छोटी फैक्ट्रियां थीं। उनके संचालक अपने मजदूरों के साथ वहीं रुकते थे। पुलिस सूत्रों की मानें तो इस हादसे में कई छोटी फैक्ट्री मालिक भी मजदूरों के साथ मौत का शिकार हुए हैं। पुलिस फुरकान को दोपहर करीब 2:00 बजे इमारत से लेकर बाहर निकली।
इमारत में रेहान की भी थी एक फैक्ट्री
पुलिस के मुताबिक इमारत के एक हिस्से के मालिक रेहान और मैनेजर फुरकान से पूछताछ में पता चला है कि इमारत के अंदर रेहान की एक फैक्ट्री थी। दूसरी मंजिल पर मौजूद रेहान की फैक्ट्री में शीशे के प्लास्टिक के फ्रेम बनते थे। उसकी फैक्ट्री में भी काफी मजदूर काम करते थे। प्लास्टिक का मैटेरियल होने की वजह से वहां तेजी से आग फैली थी।
हो सकती है कई और लोगों की गिरफ्तारियां
पुलिस सूत्रों की माने तो इमारत में 15 फैक्ट्रियों की बात सामने आने के बाद पुलिस फुरकान और रेहान से इन फैक्ट्री मालिकों के बारे में पूछताछ कर रही है। पुलिस जल्द ही इन फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ भी कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। बताया जा रहा है कि इस हादसे के बाद से कई फैक्ट्री मालिक फरार हैं।
आता था दो लाख का किराया
पुलिस सूत्रों की मानें तो इस 600 गज की इमारत से आरोपी भाइयों को करीब दो लाख रुपए का किराया हर महीने आता था। इमारत में बनीं 15 फैक्ट्रियों से 10 हजार से 20 हजार तक का किराया मिलता था। ऊपर तीसरी व चौथी मंजिल पर बनी ज्यादातर फैक्ट्रियां 10-10 हजार रुपए प्रतिमाह के किराए पर थीं।

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