नई दिल्ली : राजधानी में सरकार और एलजी के बीच अधिकारो की चल रही जंग का फायदा अस्पतालों के अधिकारी जम कर उठा रहे हैं। वित्त विभाग के निर्देशों को अनदेखा कर अस्पतालों में खुलेआम नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। हालात हैं कि यदि सरकार का वित्त विभाग कोई आदेश जारी करता है तो स्वास्थ्य विभाग सुनवाई ही नहीं करता। इसकी शिकायत उपराज्यपाल, सीबीआई और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सेे की जा चुकी है।
शिकायतकर्ता राजीव कुमार बताते हैं कि भगवान महावीर अस्पताल ने 17 करोड़ रुपये का सुरक्षा, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज ने 20.4 करोड़ का सुरक्षा और सफाई, जीटीबी अस्पताल ने 8.2 करोड़ का सुरक्षा व सफाई, दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल ने 20.3 करोड़ का सुरक्षा, सफाई और नर्सिग अर्दली, संजय गांधी अस्पताल ने 11.12 करोड़ का नर्सिंग अर्दली और जगप्रवेश अस्पताल ने 11.06 करोड़ का सुरक्षा पर खर्च किए हैं। आरोप है कि इन ठेकों को जारी करते समय वित्त विभाग द्वारा जारी निर्देशों का उल्लंघन किया गया है। इसलिए ऐसे मामलों में भुगतान की समस्या आने की आशंका है।
ऐसे विवादों में मामला कोर्ट जाता है और सरकार का काफी पैसा और मेहनत कोर्ट में मुकदमा लड़ने में खर्च होती है। इस शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग ने चुप्पी साधी है। जानकारी के अनुसार दिल्ली सरकार के वित्त विभाग ने पिछले वर्ष 26 अप्रैल और 24 अगस्त मेमोरेंडम जारी करके सभी विभागों को निर्देश दिया कि वह हर प्रकार की खरीददारी और ठेके जीईएम के माध्यम से ही जारी करे। इसके लिए वित्त विभाग ने जनरल फाइनेंस रूल्स 149, 154, 155 और 162 साल 2017 का भी हवाला दिया था। इन निर्देशों को सभी अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों को भेजा गया था।
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