दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम पिछले दिनों अपने बयानों को लेकर काफी सुर्ख़ियों में बने हुए थे। उनके बयान ने इतना विवाद खड़ा कर दिया था कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। हालांकि, अब इस्तीफा देने के बाद भी उनकी मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। कहा जा रहा कि बौद्ध धर्म से जुड़े तमाम संगठनों ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को पत्र लिखकर पूर्व मंत्री के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग कर दी है, जिसके बाद अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। वह दशहरे के मौके का था जहां मंत्री कथित रूप से भगवान को ना मानने की शपथ खाते हुए दिखाई दे रहे थे। बीजेपी द्वारा सोशल मीडिया पर यह वीडियो शेयर किया गया था। बढ़ते विवाद के कारण पूर्व मंत्री ने इस्तीफा दे दिया था। लेकिन, अब संगठनों ने इस मामले में दावा किया है कि जिस भी कार्यक्रम में ये सब हुआ था, वह न तो बौद्ध धर्म के अनुसार है न ही भगवान बुद्ध के उपदेशों के अनुरूप है। संगठनों का यह भी कहना है कि बौद्ध धर्म कभी भी किसी दूसरे धर्म के प्रति नफरत नहीं फैलाता है। ना ही वो किसी धर्म के विरुद्ध है। बल्कि वो तो दूसरे धर्मों को साथ लेकर चलने में यकीन रखता है। विभिन्न बौद्ध संगठनों के 19 लोगों ने इस पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।
मंत्री ने मांगी माफ़ी
हम आपको बता दें, पूर्व मंत्री ने इस्तीफा देने के साथ ही माफी भी मांगी थी। उन्होंने अपने बयान में कहा था कि , मैंने अपने बारे में कुछ बातें सुनी है। बीजेपी मुझे लेकर कई सारी अफवाह फैलाने की कोशिश कर रही है। मैं बहुत धार्मिक व्यक्ति हूं। मैं हर धर्म में विश्वास रखता हूं। मैं कभी सोच भी नहीं सकता कि मैं किसी देवी- देवता का अपमान करूं। मैंने अपने भाषण में शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी और सामाजिक समानता पर बात की थी। लेकिन भाजपा ने मेरे बयान को उल्टा सीधा करके पेश करना शुरू कर दिया है।’
वही मंत्री ने आगे कहा, ‘ मैंने कभी किसी को पीड़ा पहुंचाने का काम नहीं किया है। लेकिन अगर किसी को मेरी किसी भी बात से आहत पहुंची हो तो मैं माफी मांगता हूं। भाजपा मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रही है। हमारा संविधान किसी भी धर्म का पालन करने का अधिकार देता है। भाजपा पूरे मामले में राजनीति कर रही है।’