दिल्ली को दंगों को आग में झोकनें के लिए असमाजिक तत्व हिंसा भड़काने वाली बयानबाजी कर रहे हैं। उत्तर-पूर्वी दिल्ली दिल्ली में एक हिंदु युवक को विशेष समुदाय के युवकों ने सरेराह चाकूओं से गोदकर हत्या कर दी थी। जिसके आक्रोश में विश्व हिंदू परिषद ने ‘आक्रोश सभा’ का आयोजन किया था, आक्रोश सभा को संबोधित करने आए संतों ने जमकर हिंदुओं को हिंसा के उकसाने की कोशिश की गयी हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल हैं कि इस आक्रोश कार्यक्रम में पुलिस भी थी, फिर हिंसा को उकसाने की बयानबाजी के करने वाले संतों को क्यों नहीं रोका गया ।
आचार्य योगेश्वर ने हिंदु युवकों को कानून हाथ में लेने की दी नसीहत
भड़काऊ बयानबाजी करने वाले संत आचार्य योगेश्वर ने हिंदु युवकों को कानून हाथ में लेकर जिहादियों के गर्दन काट की नसीहत दी। मुस्लिमों के आतंक के कारण ही सुंदर नगरी से हिंदु परिवार जन पलायन करने लगे हैं। इसके साथ ही हेटस्पीच देने में अव्वल महंत नवल किशोर दास ने तो हिंदु युवकों को रक्षा के लिए खुलआम शस्त्र उठाने की सलाह दी। उन्होनें उकसाते हुए कहा कि हिंदुओं ने कानून का पालन करने का ठेका नहीं ले रखा हैं।
केस वापस नहीं लेने पर चाकू से गोदकर की गयी थी हिंदु युवक की हत्या
सभा का आयोजन मनीष की बेहरमी से की गयी हत्या के विरोध में किया गया था। दिल्ली के सुंदर नगरी में पूर्व दिनों के पश्चात एक हिंदु युवक की केस वापस ना लेने पर सरेराह चाकूओं से गोदकर हत्या कर दी गई थी। घटना की पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गयी थी, आरोपी एक विशेष समुदाय से हैं , जिन्होनें हिंदु युवक मनीष की सरेराह हत्या कर दी थी।
घटनास्थल पर तनाव व्याप्त
घटना के बाद ही क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव व्याप्त हो गया हैं। हालात को देखते हुए पुलिस -प्रशासन लगातार इलाके पर नजर बनाए हुए हैं, मनीष व घटनास्थल पर पुलिस ने कई जवान तैनात कर रखे हैं। लेकिन आक्रोश सभा के बाद इलाके में ज्यादा तनाव बनने का आशंका गहरा गई हैं ।