नयी दिल्ली : राजग में सहयोगी दल शिवसेना ने आज मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सबका साथ, सबका विकास की बात करने वाली सरकार को सहयोगी दलों को विश्वास में लेकर चलना होगा। लोकसभा में आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हो रही चर्चा में भाग लेते हुए शिवसेना के आनंद राव अडसुल ने कहा कि सरकार ने योजनाएं तो अनेक शुरू की हैं जिनमें अच्छे उद्देश्य वाली योजनाएं भी हैं लेकिन उनके क्रियान्वयन पर कोई निगरानी नहीं है। अडसुल ने कहा कि 2014 के चुनाव के बाद जब यह सरकार आई थी तो देश में बड़ा परिवर्तन आया था और लगा था कि यह राजग की सरकार है जिसमें शिवसेना सहयोगी है। उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन बाद में लगने लगा कि यह भाजपा की ही सरकार है । सबका साथ और सबका विकास की बात करते हैं तो सबको विश्वास में लेकर चलना होगा।’’ उन्होंने कहा कि जब सबका विकास होगा, तभी सबका साथ मिलेगा।
अडसुल ने कहा कि सत्ता में सहयोगी तेदेपा के सदस्य भी आज सदन में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं जिससे लगता है कि उन्हें भी विश्वास में नहीं लिया गया। भाजपा की सहयोगी शिवसेना सदस्य कहा कि ‘‘राजस्थान उपचुनाव के नतीजे सबक सिखाने वाले हैं।’’ अडसुल ने कहा कि शिवसेना और भाजपा में अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के समय से ही ‘हिंदुत्व’ के सिद्धांत पर तालमेल रहा है। उन्होंने राजग सरकार की अनेक योजनाओं का नाम गिनाते हुए उदाहरण दिया कि मुद्रा योजना भी अच्छे उद्देश्यों के साथ शुरू की गयी थी लेकिन उन्हें अपने क्षेत्रों में कोई बेरोजगार नजर नहीं आता जिसने इस योजना से लाभ उठाकर अपना रोजगार शुरू किया हो। अडसुल ने नोटबंदी को लेकर भी सरकार को आड़े हाथ लिया और कहा कि अर्थव्यवस्था पर इससे विपरीत असर पड़ा।
उन्होंने कहा कि जीएसटी देश के लिए अच्छी व्यवस्था है लेकिन इसे भी शुरू में सही से लागू नहीं किया गया है और प्रतिकूल नतीजे सामने आये हैं। अडसुल ने कहा कि प्रधानमंत्री न्यूनतम सरकार, अधिकतम सुशासन की बात करते हैं लेकिन सारे अधिकार नौकरशाहों को दे दिये हैं, इसलिए योजनाओं पर सही से काम नहीं हो रहा। हालांकि शिवसेना सांसद ने प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, अटल बीमा योजना, जनधन योजना जैसी कुछ योजनाओं की तारीफ की लेकिन सभी कार्यक्रमों पर निगरानी जरूरी बताई।
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