दिल्ली लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री प्रवेश वर्मा ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार अंततः राष्ट्रीय राजधानी के कई क्षेत्रों में पानी वितरण के लिए टैंकर प्रणाली से छुटकारा पाने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की दीर्घकालिक योजना सीधे नल से पानी उपलब्ध कराना है। वर्मा ने यहां संवाददाताओं से कहा, “हमारी दीर्घकालिक योजना यह है कि दिल्ली के हर घर को सीधे नल से पानी मिले ताकि टैंकर प्रणाली को धीरे-धीरे खत्म किया जा सके…यह हमारी सरकार का पारदर्शिता और सुशासन मॉडल है।” उन्होंने कहा कि पहले पानी के टैंकरों के लिए कोई प्रबंधन प्रणाली नहीं थी और बताया कि दिल्ली के लोग अब मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए टैंकर के स्थान को ट्रैक कर सकते हैं।
ऐप के माध्यम में हम देख पाएंगे की पानी का टैंकर कहां जा रहा है कहां नहीं। हमारी योजना है कि दिल्ली के हर घर में उन्हें नल से पानी मिले ताकि धीरे-धारे टैंकर की व्यवस्था को हम कम करेंगे। हम दिल्ली को सुंदर-सुरक्षित और रहने लायक बनाना चाहते हैं, ये हमारी प्राथमिकता है-श्री… pic.twitter.com/rvAexx4SBS
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) April 20, 2025
पीडब्ल्यूडी मंत्री ने कहा, “इसके लिए पहले कोई प्रबंधन प्रणाली नहीं थी…अगर कोई टैंकर दिए गए स्थान पर पहुंचता है तो ऐप के जरिए इसकी पूरी निगरानी की जाएगी। दिल्ली के लोग उस ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं और देख सकते हैं कि कौन सा टैंकर किस इलाके में जा रहा है।” वर्मा ने कहा, “टैंकरों में सेंसर लगाए जाएंगे, ताकि यह पता चल सके कि टैंकर ने पानी उतारा है या नहीं या अपने निर्धारित क्षेत्र में पहुंचने के बाद उसने कितना पानी उतारा है।”
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इस बीच टैंकर माफिया पर बोलते हुए दिल्ली के मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा, “जड़ से खत्म किया जाएगा, टैंकर माफिया अगर है भी तो वो दिल्ली छोड़कर चले जाएं।” उन्होंने कहा, “इस सरकार ने पानी की समस्या से निजात पाने का संकल्प लिया है और हमने जो 10 साल में किया, वो 10 हफ्ते में कर दिखाया। इसके लिए मैं सीएम और संबंधित मंत्री को धन्यवाद देता हूं… माफिया के भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं है।” इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने जल बोर्ड के लिए 1,111 पानी की टंकियों को हरी झंडी दिखाई और कहा कि लोग टैंकर एप्लीकेशन की मदद से जीपीएस-सक्षम टैंकरों के स्थान की निगरानी कर सकेंगे।
दिल्ली में पिछली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर निशाना साधते हुए गुप्ता ने कहा कि टैंकर माफिया के नाम पर पूरे सिस्टम में “लीक” थी। उन्होंने कहा कि पहले पानी की टंकियों का पता नहीं था। हालांकि उन्होंने कहा कि टैंकरों द्वारा अपनाए गए मार्गों की निगरानी की जा सकती है क्योंकि उनमें जीपीएस लगा हुआ है।