Swati Maliwal Case: स्वाति मालीवाल केस में विभव कुमार को तीस हजारी कोर्ट ने 5 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा
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Swati Maliwal Case: स्वाति मालीवाल केस में विभव कुमार को तीस हजारी कोर्ट ने 5 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा

Swati Maliwal Assault Case: आम आदमी पार्टी (आप) की सांसद स्वाति मालीवाल से कथित मारपीट और बदसलूकी के मामले में सीएम केजरीवाल के पीए रहे विभव कुमार को पुलिस रिमांड में भेज दिया गया है। दिल्ली पुलिस ने विभव कुमार को शनिवार (18 मई) को तीस हजारी कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गौरव गोयल की कोर्ट में पेश किया। दिल्ली पुलिस ने विभव कुमार की 7 दिनों की पुलिस रिमांड मांगी। वहीं कोर्ट ने उन्हें 5 दिनों की रिमांड पर भेज दिया।

पुलिस ने क्यों माँगी विभव की हिरासत

दरसल, स्वाति मालीवाल मारपीट मामले में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किए गए सीएम अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार की सात दिन की हिरासत की मांग की थी। दिल्ली पुलिस ने बिभव कुमार पर मुख्यमंत्री आवास में सबूत नष्ट करने के आरोप लगाए हैं। तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई शुरू होने के बाद दिल्ली पुलिस ने अदालत से कहा कि हमले का कारण जानने के लिए बिभव कुमार से पूछताछ करने के वास्ते उनकी हिरासत की जरूरत है। जिसको लेकर अब कोर्ट ने 5 दिनों की रिमांड दे दी है।

विभव कुमार नहीं बता रहे अपने आईफोन का पासवर्ड

दिल्ली पुलिस की ओर से पेश एडिशनल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अतुल श्रीवास्तव ने बिभव कुमार की हिरासत पर बहस की। श्रीवास्तव ने कहा कि हमने डीवीआर मांगा, जो एक पेन ड्राइव में उपलब्ध कराया गया था। फुटेज खाली पाया गया। उन्होंने कहा कि पुलिस को आईफोन दे दिया गया है, लेकिन अब आरोपी पासवर्ड नहीं बता रहा है। फोन को फॉर्मेट कर दिया गया है। एडिशनल पब्लिक प्रोसिक्यूटर का कहना है कि आरोपी आज भी घटना स्थल पर मौजूद था।

दिल्ली पुलिस ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर किया है पेश

बचाव पक्ष के वकील राजीव मोहन ने कहा कि रिकॉर्ड पर किसी भी मेडिकल दस्तावेज, यहां तक कि एमएलसी का भी कोई उल्लेख नहीं है । ड्राइंग रूम में कोई सीसीटीवी नहीं है। सीसीटीवी डेटा केवल मेन गेट से आवासीय क्षेत्र तक हो सकता है। क्या मुझे (विभव) अपने फोन का पासवर्ड देने के लिए मजबूर किया जा सकता है? आरोपी को पासवर्ड देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। बचाव पक्ष के वकील का कहना था कि आरोपी को शनिवार शाम 4.15 बजे जल्दबाजी में गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि उसने अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। बिभव कुमार के वकील ने अदालत को बताया कि वह अपनी मर्जी से मुख्यमंत्री आवास आई थीं, उन्होंने आने के उद्देश्य के बारे में किसी को सूचित नहीं किया था। बिभव के वकील ने अदालत से कहा कि दिल्ली पुलिस तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है।

विभव की अग्रिम जमानत याचिका हुई ख़ारिज

दिल्ली पुलिस ने शनिवार सुबह में बिभव कुमार को गिरफ्तार किया था। पुलिस उन्हें पूछताछ के लिए दोपहर 12:40 बजे सिविल लाइंस थाने ले आई। पूछताछ के बाद बिभव को तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने शाम में उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। तीस हजारी कोर्ट में विभव की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशील अनुज त्यागी ने कहा कि एडिशनल पब्लिक प्रासीक्यूटर ने बताया कि विभव को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। ऐसे में उनकी अंतरिम जमानत पर सुनवाई का कोई औचित्य नहीं है। विभव के वकील एन हरिहरन ने कहा कि उनके मुवक्किल को गिरफ्तारी से पहले सीआरपीसी की धारा 41 के तहत नोटिस नहीं दिया गया था।

मालीवाल के मेडिकल रिपोर्ट में क्या आया सामने

इससे पहसे 17 मई को रात 12 बजे के आसपास दिल्ली पुलिस ने AIIMS में मालीवाल का मेडिकल करवाया था। शनिवार को रिपोर्ट आई, जिसमें मालीवाल की आंख और पैर में चोट के निशान मिले। रिपोर्ट आने के कुछ घंटे बाद ही दिल्ली पुलिस CM हाउस पहुंची और बिभव कुमार को अरेस्ट कर लिया।  मालीवाल ने आरोप लगाया है कि 13 मई को जब वह मुख्यमंत्री से मिलने गयी थीं तब उनके सहयोगी कुमार ने उनपर हमला किया। उन्होंने थप्पड़ मारने और पेट पर लात मारने का भी आरोप लगाया था। वहीं विभव कुमार ने इस मामले में शिकायत दी है और उन्हें फंसाने का आरोप लगाया है।

आपको बता दें कि स्वाति मालीवाल ने बिभव कुमार के खिलाफ सिविल लाइंस पुलिस थाने में आईपीसी की धारा 354 (किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल), धारा 506 (आपराधिक धमकी), धारा 509 (किसी महिला की गरिमा का अपमान करने के इरादे से कोई शब्द बोलना या कोई इशारा करना) और धारा 323 (हमला करना) के तहत एफआईआर दर्ज करीई थी और जवाब में पीए बिभव ने इस मामले में शुक्रवार शाम को क्रॉस कम्प्लेंट दर्ज कराई है। शिकायत में बिभव कुमार ने स्वाति मालीवाल पर जबरन घर में घुसना यानी ट्रेस-पासिंग, सीएम सिक्योरिटी के साथ बदसलूकी करना, जबरन घुसकर सीएम सिक्योरिटी को खतरा पैदा करना जैसे आरोप लगाए हैं।

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