सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश की इजाजत देने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले की सराहना करने के कुछ दिनों बाद स्वामी संदीपानंद गिरी के सालग्रामम आश्रम पर शनिवार तड़के हमला किया गया। पुलिस ने बताया कि यह हमला तड़के दो बजे के करीब हुआ और दो कारों एवं एक स्कूटर को आग के हवाले कर दिया गया।
साथ ही, उन्होंने बताया कि हमलावर आश्रम में फूलों की एक माला भी छोड़ कर गए। यह आश्रम कुंदमोनकादावु पास स्थित है। हमले के वक्त गिरि आश्रम में ही मौजूद थे। उन्होंने उच्चतम न्यायालय के उस फैसले का स्वागत किया था, जिसमें रजस्वला आयुवर्ग (10 से 50 वर्ष) की महिलाओं को सबरीमाला में भगवान अयप्पा के मंदिर में पूजा अर्चना की अनुमति दी गई है।
इस बीच, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने आश्रम का दौरा किया और हमले की निंदा करते हुए संवाददाताओं से कहा कि हिंसा का प्रयोग हमलावरों की ‘वैचारिक घृणा” को दिखाता है। उन्होंने कहा, ”किसी को भी कानून को हाथ में लेने की इजाजत नहीं है। मैंने उनसे मुलाकात की और उन्हें आश्वस्त किया कि हमलावरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
विजयन ने कहा, ”स्वामी संदीपानंद गिरि धर्मनिरपेक्षता के समर्थक हैं और धार्मिक स्थलों का राजनीतिकरण करने के प्रयासों के सख्त आलोचक रहे हैं। हमारे समाज को ऐसे हमलों के खिलाफ खड़े होना चाहिए।” माकपा के प्रदेश सचिव के. बालाकृष्णन ने आरोप लगाया कि हमले के पीछे आरएसएस का हाथ है।
उन्होंने कहा कि संघ परिवार धर्मनिरपेक्ष आवाज को ‘शांत’ करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। वित्त मंत्री थॉमस आइजक और देवास्वम मंत्री कडकमपल्ली सुरेंद्रन ने भी आश्रम का दौरा किया। आश्रम पर हमले की निंदा करते हुए केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ कि स्वामी ने फासीवादी ताकतों के खिलाफ अपनी आवाज मुखर की थी और आरोप लगाया कि संघ परिवार इस घटना के पीछे था।
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संदीपानंद गिरि ने आरोप लगाया कि हमले के लिए भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष पी एस श्रीधरण पिल्लई और सबरीमाला मंदिर के मुख्य पुजारियों के परिवार और पंडालम राज परिवार पूरी तरह से जिम्मेदार है। डीजीपी लोकनाथ बेहरा ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा, ”हम राज्य में इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेंगे।” हालांकि भाजपा के जिला नेतृत्व ने हमले में किसी भी तरह भूमिका से इनकार किया है और घटना की ”निष्पक्ष” जांच की मांग की। भगवा पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि माकपा इस हमले के पीछे थी और यह सबरीमला में हो रहे विरोध प्रदर्शन से ध्यान हटाने के लिए किया गया।