देहरादून : प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड में निर्माण कार्यो पर लगी रोक को हटा दिया है। इससे प्रदेश में अब विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत जनहित के लिए किए जा रहे निर्माण कार्य रफ्तार पकड़ सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को ये भी निर्देश दिए हैं कि तीन लाख रुपये का जो जुर्माना सरकार पर लगाया गया था, उसका इस्तेमाल आपदा राहत कार्यो के लिए किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने बीती 31 जुलाई को एक आदेश में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पॉलिसी न लागू करने वाले राज्यों में निर्माण कार्यों पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे। इन राज्यों में उत्तराखंड भी शामिल था।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया था कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स-2016 के तहत नीति को लागू किया जाना जरूरी है। इस पर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को एक याचिका दाखिल करते हुए कहा कि राज्य में भारी बरसात के कारण आपदा की स्थिति है। टिहरी गढ़वाल में भूस्खलन के कारण झील बन गई है। प्रदेश में निर्माण कार्य बंद हैं, ऐसे में बरसात और भूस्खलन के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इन परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश में निर्माण कार्यो पर लगी रोक हटाई जाए।
अविलंब रोका जाए आरओबी निर्माण कार्य
इसके साथ ही सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए संशोधित नीति तैयार कर ली गई है, जिसे जल्द ही कैबिनेट की बैठक के जरिये पारित कर दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार को बड़ी राहत देते हुए निर्माण कार्यो पर लगाई गई रोक हटा दी। सचिव शहरी विकास आरके सुधांशु ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्माण कार्यो पर लगी रोक को हटा दिया है। इसके साथ ही जो तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था, उससे आपदा राहत कार्यो में इस्तेमाल करने को कहा गया है।
– सुनील तलवाड़