नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) पेपर लीक मामले में केंद्र सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन जारी है। एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष फैरोज खान के नेतृत्व में सोमवार को शास्त्री भवन स्थित मानव संसाधन मंत्रालय के बाहर कार्यकर्ताओं ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं में रोष व अत्यधिक संख्या होने के कारण पुलिस उन्हें शास्त्री भवन के अंदर जाने से नहीं रोक पाई। इस दौरान एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने सरकार और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के खिलाफ नारेबाजी की।
एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष फैरोज खान ने कहा कि परीक्षा के लिए विद्यार्थियों ने पूरा साल मेहनत की थी लेकिन अब पेपर लीक होने से दोबारा परीक्षा देने के कारण वे हताश और निराश हो गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार और सीबीएसई द्वारा छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। वहीं अभिभावकों ने भी अपने बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए दिन-रात मेहनत की थी, पर अब पेपर लीक मामले के बाद वे भी सरकार और बोर्ड के गैर जिम्मेदाराना रवैये से नाखुश हैं।
एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे प्रत्येक विद्यार्थी के साथ खड़े हैं और न्याय मांगने वाले प्रत्येक विद्यार्थी की आवाज को बुलंद करेंगे। एनएसयूआई ने इस पूरे मामले में एबीवीपी कार्यकर्ताओं का नाम सामने आने की भी कड़ी निंदा की। कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब तक सरकार व सीबीएसई इस मामले में कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं देती तब तक उनका सड़कों पर विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई
उच्चतम न्यायालय सीबीएसई की 10वीं एवं 12वीं कक्षाओं के प्रश्न-पत्र लीक मामले से संबंधित तीन याचिकाओं की सुनवाई बुधवार को करेगा। शीर्ष अदालत ने इन याचिकाओं की सुनवाई पर सोमवार को सहमति जताते हुए चार अप्रैल की तारीख मुकर्रर की। पेपर लीक मामले में तीनों याचिकाकर्ताओं ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष अलग-अलग तरह की मांग रखी है। दीपक कंसल की ओर से दाखिल पहली याचिका में याचिकाकर्ता ने दोबारा परीक्षा कराये जाने की बजाय पुरानी परीक्षा के आधार पर ही परीक्षाफल घोषित की जाये और लीक की जांच सीबीआई से कराई जाये।
दूसरी याचिका केरल के कोच्चि शहर के दसवीं के छात्र रोहन मैथ्यू ने दायर की है। उसने भी पहले हो चुकी परीक्षा के आधार पर ही परीक्षाफल घोषित करने का निर्देश सीबीएसई को देने की मांग की है। पेशे से वकील अलख आलोक श्रीवास्तव की ओर से दायर तीसरी याचिका में पेपर लीक कांड की सीबीआई जांच कराये जाने की मांग की गयी है। अलख ने याचिका में कहा है कि 12वीं की परीक्षा देने वाले प्रत्येक छात्र को पेपर लीक के कारण होने वाली मानसिक परेशानी, तनाव और असुविधा के लिए एक लाख रुपये हर्जाना दिया जाना चाहिए।
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