दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने मंगलवार को एक अस्पताल में अपना धरना जारी रखा, क्योंकि उन्हें उस नाबालिग से मिलने से रोक दिया गया था, जिसके साथ कथित तौर पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने बलात्कार किया था। दिल्ली महिला पैनल की प्रमुख ने दिल्ली पुलिस पर ‘गुंडागर्दी’ का आरोप लगाते हुए सवाल किया कि जब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उसकी मां से मिली थीं तो उन्हें नाबालिग या उसके परिजनों से मिलने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही थी।
सरकारी अधिकारी पर नाबालिग से रेप का आरोप
दिल्ली पुलिस ने सोमवार को नाबालिग पर कथित यौन उत्पीड़न के आरोप में सरकारी अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया। मामले के सिलसिले में उनकी पत्नी को भी गिरफ्तार किया गया था। आरोप था कि नाबालिग का कई महीनों तक यौन उत्पीड़न किया गया, जिससे वह गर्भवती हो गई। दिल्ली पुलिस गुंडागर्दी कर रही है। वे न तो मुझे लड़की से और न ही उसकी मां से मिलने दे रहे हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा कि दिल्ली पुलिस मुझसे क्या छिपाने की कोशिश कर रही है।
भाजपा ने जांच में बाधा डालने का लगाया आरोप
मुझे बताया गया है कि एनसीपीसीआर अध्यक्ष को लड़की की मां से मिलने की अनुमति दी गई है। जब एनसीपीसीआर अध्यक्ष नाबालिग की मां से मिल सकते हैं, तो डीसीडब्ल्यू प्रमुख क्यों नहीं? उन्होंने यहां भी सवाल किया। इससे पहले सोमवार को बीजेपी नेता और दिवंगत केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज ने डीसीडब्ल्यू प्रमुख पर मामले में चल रही जांच में बाधा डालने का आरोप लगाया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को आरोपी अधिकारी को जांच लंबित रहने तक निलंबित कर दिया।