जहां संसद में बजट सत्र में हंगामे के दौरान कार्यवाही सुचारू रूप से न चल पाने के कारण पीएम मोदी और एनडीए के सभी सांसदों ने तनख्वा लेने से मना कर दिया तो वही सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने बीजेपी के इस फसले पर पलटवार किया है। उन्होंने बताया कि वह सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए रोजाना संसद जाते थे। स्वामी ने कहा, ‘मैं हर दिन (संसद) जाया करता था, ऐसे में यदि सदन की कार्यवाही न चले तो इसमें मेरी क्या गलती है।
मैं राष्ट्रपति का प्रतिनिधि हूं। जब तक वह ऐसा करने के लिए नहीं कहेंगे तब तक मैं कैसे कह सकता हूं कि मैं वेतन नहीं लूंगा।’ संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही विभिन्न मुद्दों को लेकर लगातार बाधित होती रही है। कभी आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के नाम पर तो कभी पंजाब नेशनल बैंक के मुख्य आरोपी और हीरा कारोबारी नीरव मोदी को लेकर सदस्यों ने हंगामा किया।
इसके कारण संसद का कामकाज तकरीबन ठप रहा। केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने संसद की कार्यवाही न चलने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने बुधवार (4 अप्रैल) को घोषणा की थी कि कामकाज नहीं होने के कारण भाजपा और एनडीए के सदस्य वेतन नहीं लेंगे। अनंत कुमार ने कहा था, ‘सदन में कामकाज नहीं होने के कारण भाजपा-एनडीए के सदस्यों ने 23 दिन का वेतन और भत्ता नहीं लेने का फैसला किया है। यह पैसा जनता की सेवा करने के लिए दिया गया था।
ऐसा करने में असमर्थ रहने पर जनता के पैसों पर हमारा कोई हक नहीं बनता है।’ बता दें कि कावेरी नदी के जल के बंटवारे पर संसद के दोनों सदनों में लगातार हंगामा चल रहा है। बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही को 11 बार स्थगित करना पड़ा था। इसके कारण भ्रष्टाचार निवारक संशोधन विधेयक को सदन में पेश नहीं किया जा सका था। अनंत कुमार ने विपक्षी दलों के रवैये के प्रति नाराजगी जताते हुए वेतन और भत्त न लेने की घोषणा की थी।
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