SP नेता Swami Prasad Maurya ने 'हिंदू धोखा' टिप्पणी को ठहराया सही, कही ये बड़ी बात SP Leader Swami Prasad Maurya Justified The 'Hindu Betrayal' Comment, Said This Big Thing
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SP नेता Swami Prasad Maurya ने ‘हिंदू धोखा’ टिप्पणी को ठहराया सही, कही ये बड़ी बात

Swami Prasad Maurya

अपने विवादास्पद बयानों के लिए कुख्यात समाजवादी पार्टी के नेता Swami Prasad Maurya ने अपनी “हिंदू एक धोखा है” टिप्पणी पर सफाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी यही बात कही थी। स्वामी प्रसाद मौर्य ने सोमवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय बौद्ध और बहुजन अधिकार सम्मेलन में बोलते हुए कहा, “1955 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि हिंदू कोई धर्म नहीं बल्कि एक जीवन पद्धति है, यह 200 से ज्यादा धर्मों का समूह है, यहां तक कि मोहन भागवत ने भी एक बार नहीं बल्कि दो बार कहा था कि हिंदू कोई धर्म नहीं है लेकिन यह जीवन जीने का एक तरीका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि हिंदू कोई धर्म नहीं है। यहां तक कि गडकरी ने भी एक मीडिया कॉन्क्लेव में यही बात कही थी।

  • स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी ‘हिंदू एक धोखा है’ टिप्पणी पर दी सफाई
  • PM नरेंद्र मोदी, मोहन भागवत और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी यही बात कही थी- स्वामी प्रसाद मौर्य
  • नई दिल्ली में राष्ट्रीय बौद्ध और बहुजन अधिकार सम्मेलन में स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिया बयान
  • “1955 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि हिंदू कोई धर्म नहीं बल्कि एक जीवन पद्धति है- प्रसाद मौर्य

समाजवादी पार्टी नेता ने सवाल किया कि जब वे हिंदू धर्म पर वही बात कहते हैं जो उन्होंने कही थी तो किसी की भावनाएं आहत क्यों नहीं होतीं। मौर्य ने कहा, “लेकिन जब वे ऐसा कहते हैं तो किसी की भावना आहत नहीं होती लेकिन जब स्वामी प्रसाद मौर्य कहते हैं कि हिंदू कोई धर्म नहीं बल्कि विश्वासघात है और जिसे हम हिंदू धर्म कहते हैं वह कुछ लोगों के लिए एक व्यवसाय है, तो पूरे देश में तूफान आ जाता है।” उन्होंने कहा, “जब सुप्रीम कोर्ट ने 1955 में यही बात कही थी तो किसी ने बुरा नहीं माना था। लेकिन जब स्वामी प्रसाद मौर्य कहते हैं तो पूरे देश में एफआईआर दर्ज हो जाती हैं। मैं वही बात कह रहा हूं जो भारतीय संविधान कह रहा है।”

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समाजवादी पार्टी नेता ने कहा कि हिंदू उच्च वर्ग सत्ता में आने के लिए बहुजन वोट बैंक का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन ऐसा करने के बाद वे उनके लिए आरक्षण रद्द कर देते हैं। मौर्य ने कहा, “ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य कुल मिलाकर आठ प्रतिशत आबादी बनाते हैं। ये आठ प्रतिशत अपने दम पर सरकार नहीं बना सकते। इन्होंने पिछड़े वर्गों का शोषण किया है और हिंदू के नाम पर सरकार बनाई है। वोट के लिए, हम हिंदू हैं। लेकिन सरकार बनने के बाद हम हिंदू नहीं रहे। अगर ऐसा होता तो उन्होंने कभी भी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति या पिछड़ी जाति का आरक्षण रद्द नहीं किया होता।” समाजवादी पार्टी एमएलसी ने कहा कि सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोग आरक्षण खत्म कर लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं।

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