नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की ऑडिट रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए हैं। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने दक्षिणी नगर निगम की ऑडिट रिपोर्ट का हवाला देते हुए नगर निगम में हजारों करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर आम आदमी पार्टी अगले हफ्ते भ्रष्टाचार विरोधी शाखा में शिकायत दर्ज कराएगी और कार्रवाई की मांग करेगी।
सौरभ भारद्वाज ने संवादताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बीते गुरुवार को दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की ऑडिट रिपोर्ट स्थायी समिति के सामने रखी गई, जब हमने इस रिपोर्ट को पढ़ा तो बेहद ही चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का एक भी विभाग ऐसा नहीं है, जिसमें करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार ना हुआ हो। रिपोर्ट में दिए हुए कुछ मुख्य बिंदुओं को चिन्हित करते हुए उन्होंने बताया एमसीडी के पास 1,177 करोड़ रुपए प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने के लिए बकाया पड़ा हुआ है।
लेकिन नगर निगम ने इस पैसे को वसूलने के बजाय आपनी जेबें भर लीं। रिपोर्ट में उदाहरण के लिए चार कमर्शियल प्रॉपर्टीज दि उमराव, फोर पॉइंट्स, मेपल इमराल्ड और मोटैल जैसे जानेमाने फर्महाउस का जिक्र किया गया है। यह ऐसे फार्म हाउस है जहां पर बड़े-बड़े करोड़पतियों की शादी होती है। लेकिन भाजपा के नेता और एमसीडी के अधिकारियों की मिलीभगत से आज भी इस जमीन पर एग्रीकल्चर लैंड दिखाकर, एग्रीकल्चर लैंड के अनुसार टैक्स लिया जाता है और करोड़ों रुपए की चपत दक्षिणी निगम को लगाई जा रही है।
रिपोर्ट के अनुसार मात्र इन चार संपत्तियों का ही टैक्स 4 करोड़ 49 लाख 99 हजार 422 रुपए बनता है। सौरभ ने कहा कि खुद एमसीडी का जो इंटरनल ऑडिट डिपार्टमेंट होता है उसके बारे में भी इस ऑडिट रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इंटरनल ऑडिट के द्वारा मात्र 147 यूनिट का ऑडिट किया गया है जो कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की कुल यूनिट का मात्र 4 प्रतिशत बनता है जबकि नियम कहता है कि 100 प्रतिशत आॅडिट करना जरूरी है।
निगम के विजिलेंस विभाग पर रिपोर्ट में उठाए गए सवाल
सौरभ ने कहा कि निगम के विजिलेंस विभाग पर ही ऑडिट रिपोर्ट में प्रश्न उठाए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक विजिलेंस डिपार्टमेंट को 313 रेगुलर डिपार्टमेंटल एक्शन निर्देशित किए गए थे। विजिलेंस डिपार्टमेंट द्वारा मात्र 165 मामलों में चार्जशीट दी गई, बाकी 148 केसों में कई सालों से चार्जशीट भी जारी नहीं की गई है। अर्थात ऐसे मामले जिनके अंदर प्राथमिक जांच में यह पाया गया कि जिस अधिकारी के संबंध में शिकायत की गई है वह भ्रष्टाचार में लिप्त था बावजूद उसके लगभग आधे ही मामलों में चार्जशीट जारी की गई।
गैरकानूनी तरीके से लगे हैं अधिकतर मोबाइल टावर
सौरभ ने बताया कि रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में जो सेल फोन टावर लगे हुए हैं उनमें से ज्यादातर गैरकानूनी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 1672 लोगों ने मोबाइल टावर लगाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया। इसमें से मात्र 659 लोगों को मोबाइल टावर लगाने की अनुमति दी गई। इसके अलावा कई हजार टावर गैर कानूनी तौर पार चलाए जा रहे हैं। इसके द्वारा भी दक्षिणी दिल्ली को करोड़ों रुपए का चूना लगाया जा रहा है।
निगम के विभागों में पाई गई अनिमितताएं : इंटरनल ऑडिटर
सौरभ ने कहा कि नगर निगम के इंटरनल ऑडिटर ने अपनी खुद की रिपोर्ट में इस बात को कहा है कि नगर निगम के विभिन्न विभागों में अनियमितताएं पाई गई है। नगर निगम इसकी जांच करें और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें। सौरभ ने कहा कि आप के विधायक इस बाबत एसीबी में एक शिकायत दर्ज कराएंगे और एमसीडी में चल रहे करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार की जांच की मांग करेंगे।