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काम किसी का, नाम किसी का…

धर्मवीर ने अमित शाह को लिखे पत्र में प्रदेश व कार्यक्रम के प्रभारी महामंत्री कुलजीत चहल पर कार्यक्रम

नई दिल्ली : नेताओं के बारे में एक बात खासी प्रचलित है कि वे काम करने से ज्यादा उसका ढींढोरा पीटते हैं। यह केवल जनता के बीच में हो तो पांच साल तक तो चल ही जाता है, लेकिन अगर यही पार्टी स्तर पर भी होने लगे तो चिट्ठी निकल पड़ती है राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम। दिल्ली प्रदेश भाजपा में भी आजकल कुछ ऐसा ही हो रहा है।

बीते 23 दिसंबर को इंदिरा गांधी स्टेडियम में हुए बूथ सम्मेलन में एक पदाधिकारी पर भी ऐसा ही करने का आरोप लगा है, जिससे नाराज आयोजन से जुड़े एक पदाधिकारी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर इसकी शिकायत कर दी। जानकारी के अनुसार दिल्ली प्रदेश बूथ प्रबंधन विभाग के अध्यक्ष धर्मवीर ने अमित शाह को लिखे पत्र में प्रदेश व कार्यक्रम के प्रभारी महामंत्री कुलजीत चहल पर कार्यक्रम को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।

उनका आरोप है कि इस कार्यक्रम के लिए जहां संगठन मंत्री सिद्धार्थन और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता तक ने बैठकें कीं, वहीं चहल इससे दूर ही रहे, उल्टे कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों के नाम सूची से कटवाए। उनके लापरवाहीपूर्ण व्यवहार की वजह से कार्यक्रम से एक दिन पहले तक व्यवस्था में लगे नामों को जोड़ा जाता रहा। वहीं नीति के विरुद्ध जाते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री के कार्यों के होर्डिंग के बजाए अपने व्यक्तिगत होर्डिंग लगाए, जिससे होर्डिंग लगाने का काम सुबह सात बजे तक चलता रहा।

इसके अलावा उन्होंने कुछ और नेताओं पर कार्यक्रम को खराब करने की साजिश रचने का आरोप भी लगाया। इससे नाराज धर्मवीर ने अमित शाह से प्रदेश की कोर कमेटी को भंग करने की मांग कर दी। धर्मवीर ने अमित शाह को दिए शिकायत में बताया है कि कोर कमेटी के ज्यादातर नेता इसी तरह पार्टी का काम करने के बजाए केवल बड़े राष्ट्रीय नेताओं की गणेश परिक्रमा कर अपना चेहरा चमकाने में लगे हैं। इसे लेकर उन्होंने अमित शाह से अपील की है कि अनुशासनहीनता कर रहे नेताओं के खिलाफ जल्द से जल्द कठोर कार्रवाई की जाए। केंद्र सरकार की कमेटियों में जमीनी स्तर के उन कार्यकर्ताओं को स्थान दिया जाए जो न तो चुनाव लड़े हों और न चाहते हों।

सांसदों, विधायकों और निगम पार्षदों को आदेश दिया जाए कि वे बूथ अध्यक्षों और शहरी केंद्र प्रमुखों को क्षेत्रीय कार्यों में भी महत्व दें। दिल्ली नगर निगम के मार्गदर्शन में अनुभवी नेताओं को लगाया जाए और 2019 जनवरी तक प्रदेश, जिला और मंडलों के कार्यकारिणी का पूरा गठन हो जाए। इस बाबत जब धर्मवीर से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने पार्टी फोरम से इतर इस पर बात करने से इंकार कर दिया।

23 दिसंबर को हुए कार्यक्रम के मंच संचालन से धर्मवीर काफी नाराज थे, क्योंकि कार्यक्रम के दौरान न तो उन्हें मंच पर जगह मिली, न उनका नाम लिया गया और न ही उनका भाषण कराया गया। इसे लेकर उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश संगठन महामंत्री को इसकी लिखित शिकायत दी थी, जिसके बाद प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने बीते 28 दिसंबर को विभाग की टीम को अपने निवास पर रात्रिभोज देकर इस शिकायत को सुलझाने की कोशिश की थी।

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