सोहराबुद्दीन शेख फर्जी एनकाउंटर मामले में एक गवाह ने मुंबई की स्पेशल कोर्ट के सामने एक अहम बयान दिया है। गवाह ने दावा किया कि गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा ने हरेना पांड्या की हत्या के कथित आदेश दिए थे। गवाह के बयान अगले हफ्ते भी रिकॉर्ड किए जाएंगे। 2005 में गुजरात पुलिस ने सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर बी की कथित फर्जी एनकाउंटर में हत्या कर दी थी। इस गवाह के नाम का खुलासा नहीं किया गया है।
साल 2003 में अहमदाबाद में पंड्या की हत्या हुई थी। गवाह ने कहा कि उसने 2002 में सोहराबुद्दीन से मुलाकात की थी और फिर उसकी दोस्ती सोहराबुद्दीन, उसकी पत्नी कौसर बी और उसके सहयोगी तुलसीराम प्रजापति से हो गई थी। अदालत में गवाह ने कहा, ‘उस वक्त सोहराबुद्दीन ने मुझे बताया कि उसे गुजरात के गृह मंत्री हरेना पांड्या की हत्या करने के लिए डीजी वंजारा से पैसे मिले थे और उसने वह काम पूरा किया। फिर मैंने उससे कहा कि उसने जो कुछ किया, वह गलत था और उसने एक अच्छे इंसान की हत्या की थी।
इस मामले में सीबीआई ने 38 लोगों को आरोपी बनाया था। ट्रायल कोर्ट ने 16 लोगों को आरोपों से बरी कर दिया था। इसमें मौजूदा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी शामिल थे। विशेष सीबीआई न्यायाधीश एसजे शर्मा के सामने चश्मदीद ने कहा- 2002 में मेरी सोहराबुद्दीन और उसकी पत्नी से अच्छी दोस्ती हो गई थी। तुलसी प्रजापति से भी मेरी अच्छी जान-पहचान हो गई थी। उसने कहा- इसी दौरान सोहराबुद्दीन ने मुझे बताया था कि डीजी वंजारा ने हरेना पांड्या को मारने के लिए उसे पैसे दिए थे और उसने काम पूरा कर दिया।
मैंने कहा कि तुमने गलत काम किया है, तुमने एक अच्छे आदमी की हत्या की। चश्मदीद ने बताया कि मुझे 2005 में राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार किया था और इसके बाद मुझे उदयपुर जेल भेजा गया। यहां मेरी मुलाकात तुलसी प्रजापति से हुई। प्रजापति ने बताया कि सोहराबुद्दीन और कौसरबी का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया है।