किसान आंदोलन के चलते दिल्ली-NCR को अब तक 27000 करोड़ का हुआ बड़ा नुकसान - Punjab Kesari
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किसान आंदोलन के चलते दिल्ली-NCR को अब तक 27000 करोड़ का हुआ बड़ा नुकसान

तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन की वजह से दिल्ली व एनसीआर राज्यों को अभी

केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन की वजह से दिल्ली व एनसीआर राज्यों को अभी तक 27 हजार करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है। व्यापारिक संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने इस व्यापारिक नुकसान का आकलन जारी किया है। नए कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी दिल्ली की सीमा पर किसान लगातार 1 महीने से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। इस वजह से दिल्ली से कई राज्यों को जोड़ने वाली सड़कें बंद हैं। 
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया व राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की पंजाब और हरियाणा से दिल्ली आने वाले माल की आपूर्ति पर बड़ा फर्क पड़ा है। इन दोनों राज्यों से विभिन्न वस्तुओं की आपूर्ति पर बहुत असर पड़ा है। वहीं दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र एवं देश के अन्य राज्यों से दिल्ली आने वाले सामान की आपूर्ति पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है। दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा कि दिल्ली में प्रतिदिन लगभग 50 हजार ट्रक देशभर के विभिन्न राज्यों से सामान लेकर दिल्ली आते हैं। लगभग 30 हजार ट्रक प्रतिदिन दिल्ली से बाहर अन्य राज्यों के लिए सामान लेकर जाते हैं। 
किसान आंदोलन के चलते न केवल दिल्ली सामान आने पर बल्कि दिल्ली से सम्पूर्ण देश में सामान जाने पर भी काफी प्रभाव पड़ा है। ऐसे में जितना जल्दी भारत सरकार और किसान नेताओं के बीच चर्चा के जरिये समाधान निकला जा सके उतना अच्छा होगा। कैट ने कहा है कि कैट व ट्रांसपोर्ट सेक्टर के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (एटवा) के संयुक्त प्रयासों से आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई निर्बाध रूप से जारी रखने के लिए काम किया जा रहा है। इसके लिए अन्य राज्यों से दिल्ली में सामान लेकर आने वाले वाहनों को राजमार्ग को छोड़कर अन्य वैकल्पिक मार्गों से काफी लंबा चक्कर लगा कर दिल्ली आना पड़ रहा है।

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पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।