एम्स में थप्पड़ कांड : पद्मश्री खतरे में - Punjab Kesari
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एम्स में थप्पड़ कांड : पद्मश्री खतरे में

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नई दिल्ली : देश के सबसे बड़े चिकित्सीय संस्थान एम्स के आरपी सेंटर में सीनियर रेजिडेंट के गाल पर पड़े थप्पड़ की गूंज शुक्रवार को दूसरे दिन भी संस्थान में गूंजती रही। हालांकि रेजिडेंट डॉक्टरों की शिकायत पर एम्स प्रबंधन द्वारा बनाई कमेटी ने अपनी जांच शुरू कर दी है, लेकिन आरोपी डॉक्टर के निलंबन को लेकर रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर रहे। इसकी वजह से शुक्रवार को करीब साढ़े तीन सौ ऑपरेशन टालने पड़े। गुरुवार को शुरू हुए इस थप्पड़ कांड पर प्रबंधन की तरफ से कोई ठोस कार्रवाई नहीं होता देख देर शाम को एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों की संस्था ने हड़ताल की घोषणा कर दी थी।

यह दूसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रही। रेजिडेंट डॉक्टरों का मूड भांपते हुए प्रबंधन ने वरिष्ठ डॉक्टरों को स्थिति संभालने का निर्देश दिया था। लेकिन इसके बाद भी करीब साढ़े तीन सौ ऑपरेशन रद्द करने पड़े। रेजिडेंट डॉक्टर इमरजेंसी और आईसीयू को छोड़कर सभी सेवाओं से अपने हाथ पीछे खींच लिए और शुक्रवार को एम्स के गेट नंबर एक के पास धरना देते रहे। इस दौरान एम्स प्रबंधन और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी हुई।

भटकते रहे मरीज… डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से शुक्रवार को एम्स आए मरीजों की हालत कुछ ज्यादा ही खस्ता रही। बिहार के आरा जिले से आए मनमोहन वर्मा ने बताया कि उनकी 14 वर्षीय बेटी की आंखों का ऑपरेशन होना था। पिछले आठ महीने से उन्हें ऑपरेशन की डेट आगे बढ़ाई जा रही है। 25 दिन पहले ही उन्हें 27 अप्रैल की डेट मिली थी। काफी दिक्कतों का सामना करने के बाद वे एम्स पहुंचे तो उन्हें हड़ताल का पता चला। वहीं बरेली के शाहनवाज बताते हैं कि अपनी छह माह की पोती के ऑपरेशन के लिए आए थे। उन्होंने डॉक्टरों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि दो डॉक्टरों की आपस में लड़ाई के कारण हजारों मरीजों को इलाज नहींं मिल रहा है।

उनकी परेशानी है कि अब पता नहीं डेट कब मिलेगा और कब ऑपरेशन होगा। मामले के तूल पकड़ने के बाद शुक्रवार को घटना के पीड़ित नागपुर के डॉ. विनीत मुथु सामने आए। उन्होंने एम्स निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया को पत्र लिख कर बताया कि वे आरपी सेंटर प्रमुख डॉ. अतुल कुमार के साथ बतौर सीनियर रेजिडेंट मरीजों की सेवा करते हैं। डॉ. अतुल अक्सर अपने मरीजों को प्राइवेट वार्ड तीन में भर्ती कर सुबह करीब साढ़े दस बजे से आकर उपचार करते हैं। लेकिन 25 अप्रैल को वे 10 बजे से पहले ही वार्ड पहुंच गए थे। इस दौरान उनका पीए, नर्स, दो जूनियर रेजिडेंट, डॉ. विनीत के अलावा मरीज मौजूद थे।

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