छठा दिन : अन्ना हजारे के अनशन का जारी , मनाने में जुटी केंद्र सरकार - Punjab Kesari
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छठा दिन : अन्ना हजारे के अनशन का जारी , मनाने में जुटी केंद्र सरकार

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विभिन्न मांगों को लेकर रामलीला मैदान में आमरण अनशन पर बैठे समाजसेवी अन्ना हजारे की भूख हड़ताल छठे दिन में प्रवेश कर गई है वहीं, उन्हें मनाने की केंद्र सरकार ने कोशिशें तेज कर दी हैं। अन्ना  के सक्षम किसान, सशक्त लोकपाल और चुनाव सुधार सहित 11 सूत्रीय मांगों पर प्रधानमंत्री कार्यालय में मंत्रियों के बीच चर्चा हुई। इसके बाद मंगलवार देर शाम महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री गिरीश दत्तात्रेय महाजन अन्ना से मिलने रामलीला मैदान पहुंचे। उनके साथ बंद कमरे में दो घंटे से ज्यादा बातचीत की।

मंत्री ने अन्ना के सामने मांगों से जुड़े 15 पेजों का ड्राफ्ट पेश किया। इसमें दिए गए मांगों के ब्योरों पर अन्ना आज (बुधवार) फैसला सुनाएंगे। माना जा रहा है कि ड्राफ्ट उन्हें संतुष्ट कर सका तो बुधवार को वह अनशन खत्म करने का ऐलान कर सकते हैं। अन्ना सत्याग्रह के प्रवक्ता जयकांत मिश्रा ने बताया कि महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री गिरीश दत्तात्रेय महाजन मंगलवार शाम करीब साढ़े 7 बजे रामलीला मैदान पहुंचे। पीएमओ में पूरे दिन मंत्रियों और अधिकारियों के बीच गहन चर्चा के बाद तैयार हुए 15 पेजों के ड्राफ्ट पर उनकी अन्ना से बातचीत हुई।

आराम कक्ष में उन्होंने करीब साढ़े 9 बजे तक ड्राफ्ट में दिए गए मांगों के बारे में अन्ना को समझाया। इस दौरान कक्ष में मंत्री के अलावा अन्य लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई गई। जयकांत मिश्रा ने कहा कि ड्राफ्ट में सभी मांगों का ब्योरा दिया गया है। अन्ना और सत्याग्रह की कोर कमेटी के सदस्यों की टीम रात में ड्राफ्ट पर मंथन करेंगे। बुधवार को अन्ना सरकार के ड्राफ्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देंगे।

दूसरी ओर, मंत्री के साथ हुई बैठक के दौरान रामलीला मैदान में मौजूद समर्थकों में अन्ना के फैसले को लेकर उत्सुकता रही। समर्थकों में इस बात की खुशी थी कि अन्ना के अनशन की ताकत की वजह से सरकार का प्रतिनिधि किसानों की मांगों को पूरा करने का संदेश लेकर रामलीला मैदान पहुंचे। अन्ना के फैसले को लेकर रामलीला मैदान में मौजूद समर्थकों में जिज्ञासा बनी हुई है।

पिछले 6 दिनों से अनशन पर हैं अन्ना
80 साल के अन्ना हजारे 23 मार्च से दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन पर बैठे हैं। उनका वजन पांच किलो से ज्यादा घट चुका है। इसके बावजूद वो जमे हुए हैं और उनके साथ जमे हैं देश के अलग-अलग इलाकों से आए हुए कई लोग। इनमें ज़्यादातर किसान हैं। आपको बता दें कि इस बार अन्ना के आंदोलन के केंद्र में किसान ही है।

देश के कई हिस्सों से आए हैं लोग
आपको बता दें कि इस आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए लोग देश के अलग अलग हिस्सो से आए हैं। पंजाब से लेकर महाराष्ट्र, यूपी, एमपी, राजस्थान जैसे तमाम राज्यों के लोग इसमें शामिल हैं। इनमें से ज्यादातर किसान हैं जो अपनी फसलों के सही दाम चाहते हैं। बिना किसी बड़े संगठन के इन सबका दिल्ली पहुंचना बताता है कि ग्रामीण भारत की स्थिति कितनी खराब है। सबको अन्ना की लड़ाई में पूरा भरोसा है।

आंदोलन में कई समूहों के लोग शामिल
किसानों के अलावा अन्य कई समूह भी आंदोलन में जमे हैं। इनमें सबसे प्रमुख संख्या है बन्द हो चुकी चिटफंड कंपनी PACL के निवेशकों की। इनका मुद्दा मंच से भले ही प्रमुखता से ना उठ रहा हो लेकिन इन्हें लगता है कि कॉरपोरेट लूट पर रोक लगेगी तो और लोग नहीं ठगे जाएंगे। वहीं इन्हें थोड़ी उम्मीद पैसा वापस मिलने की भी है। 80 साल के अन्ना हजारे 23 मार्च से दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन पर बैठे हैं। उनका वजन पांच किलो से ज्यादा घट चुका है। इसके बावजूद वो जमे हुए हैं और उनके साथ जमे हैं देश के अलग-अलग इलाकों से आए हुए कई लोग। इनमें ज़्यादातर किसान हैं। आपको बता दें कि इस बार अन्ना के आंदोलन के केंद्र में किसान ही है।

जानिए , अन्‍ना हजारे की 7 मांगें :-
– किसानों के कृषि उपज की लागत के आधार पर डेढ़ गुना ज्‍यादा दाम मिले।
– हर राज्य में सक्षम लोकायुक्त की नियुक्‍त किया जाए।
– कृषि मूल्य आयोग को संवैधानिक दर्जा तथा सम्पूर्ण स्वायत्तता मिले।
– लोकपाल कानून को कमजोर करने वाली धारा 44 और धारा 63 का संशोधन तुरंत रद्द हो।
– लोकपाल विधेयक पारित हो और लोकपाल कानून तुरंत लागू किया जाए।
– चुनाव सुधार के लिए सही निर्णय लिया जाए।
– खेती पर निर्भर 60 साल से ऊपर उम्र वाले किसानों को प्रतिमाह 5 हजार रुपए पेंशन।

आपको बता दे कि समाजसेवी अन्ना हजारे 7 साल बाद एक बार फिर दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन पर बैठे हैं। अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करने से पहले शुक्रवार को अन्ना हजारे ने सुबह 9 बजे राजघाट जाकर बापू को श्रद्धांजलि दी। वो करीब आधे घंटा वहां रुके। रामलीला मैदान में अन्ना हजारे के साथ आने वाले हज़ारों प्रदर्शनकारी हमें 2011 के अन्ना आंदोलन की याद दिलाते हैं।

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पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।