रोहिंग्या मुद्दे को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने गृहमंत्री से आग्रह किया है कि इस मुद्दे की जांच की जाए कि रोहिंग्या मुसलमानों को राष्ट्रीय राजधानी में फ्लैट में स्थानांतरित करने का निर्णय किसके निर्देश पर लिया गया था।
सिसोदिया ने कहा, “हमने रोहिंग्या मुस्लिमों को फ्लैट में स्थानांतरित करने का फैसला नहीं लिया। केंद्र ने भी कहा है कि उसने यह निर्णय नहीं किया है। तो फिर यह फैसला किसने किया?” उन्होंने मांग की कि जिन्होंने यह फैसला किया है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
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प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सिसोदिया ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने गृह मंत्री से रोहिंग्या मुसलमानों को स्थानांतरित करने के मुद्दे पर केंद्र के रुख को स्पष्ट करने का भी आग्रह किया है। उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि रोहिंग्या समुदाय के सदस्यों को स्थानांतरित करने को लेकर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के ट्वीट के बाद जब आम आदमी पार्टी और अन्य ने इसका विरोध किया तो गृह मंत्रालय ने बुधवार को इस पर सफाई दी।
पुरी ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए बने फ्लैटों में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके कुछ घंटों बाद ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि इस तरह का कोई भी फैसला नहीं लिया गया है और दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ‘अवैध विदेशियों’ को जबतक उनके देश नहीं भेज दिया जाता तब तक उन्हें निरूद्ध केंद्रों में रखा जाए।
मंत्रालय ने यह भी कहा था कि दिल्ली सरकार ने ‘रोहिंग्या मुसलमानों को नए स्थान पर स्थानांतरित करने का प्रस्ताव दिया था।” सिसोदिया ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के इस दावे को खारिज कर दिया था कि इस बारे में दिल्ली सरकार ने प्रस्ताव दिया था । साथ ही उन्होंने आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी में रोहिंग्या शरणार्थियों को ‘स्थायी आवास’ देने की ‘गुपचुप’ कोशिश कर रही है।