लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने अन्नाद्रमुक और तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) सदस्यों को दी गयी निलंबन की सजा निरस्त करने संबंधी आग्रह पर विचार करने के संकेत दिये हैं। उपाध्यक्ष एम। थम्बीदुर्रई ने आज शून्यकाल में श्रीमती महाजन के समक्ष यह आग्रह रखा। उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक तथा तेदेपा के सदस्यों ने आसन के समीप जिस तरह से प्रदर्शन किया उससे लोकतंत्र की गरिमा को जरूर ठेस पहुंची है, लेकिन उन सदस्यों को चेतावनी देकर उन्हें माफ करना चाहिए।
श्री थम्बीदुर्रई ने कहा कि सदन की कार्यवाही दो दिन और शेष है और चेतावनी देते हुए न केवल अन्नाद्रमुक बल्कि तेदेपा के सदस्यों की गलतियों को माफ कर दिया जाना चाहिए। इस पर श्रीमती महाजन ने कहा कि इन सदस्यों ने लगातार चेतावनी देने के बावजूद बहुत ही खराब तरीके से व्यवहार किया है, जो असहनीय हो चुका था। इन सदस्यों ने इस बात की मर्यादा भी नहीं रखी कि वह एक जनप्रतिनिधि हैं, किसी राजनीतिक दल के कार्यकर्ता ही नहीं हैं।
उन्होंने हालांकि इस बात के संकेत दिये कि यदि सभी राजनीतिक दलों के नेता एकजुट होकर इस मुद्दे पर उनके चैम्बर में बैठते हैं तो वह उपाध्यक्ष के अनुरोध पर विचार करने को तैयार हैं। गौरतलब है कि पिछले दो दिनों में अन्नाद्रमुक और तेदेपा के 46 सदस्यों को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया है। ये सदस्य अध्यक्ष के बार-बार आग्रह करने के बावजूद कागज के टुकड़ करके आसन के समीप उछाल रहे थे। उनमें से कुछ सदस्य तो लोकसभा सचिवालय के कर्मचारियों के लिए बैठने के लिए निधार्रित कुर्सियों पर चढ़कर हंगामा कर रहे थे।