देहरादून : देहरादून के बोर्डिंग स्कूल में छात्रा संग गैंगरेप के बाद अन्य स्कूल में एडमिशन न देने मामले में अब नया मोड़ आ गया है। दुष्कर्म पीड़िता के अभिभावकों ने कहा है कि उन्हें संबंधित स्कूल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं चाहिए। अभिभावकों की ओर से अधिवक्ता ने आरोप लगाया था कि उसे इसलिए एडमिशन नहीं दिया गया, क्योंकि वह दुष्कर्म पीड़िता है। राजधानी के भाऊवाला स्थित एक बोर्डिंग स्कूल में दुष्कर्म का शिकार हुई बच्ची के एडमिशन के मामले में नया मोड़ आ गया है।
दरअसल, पीड़िता की अधिवक्ता अरुणा नेगी चौहान ने आरोप लगाया था कि पीड़िता को गढ़ी कैंट स्थित एक स्कूल ने इसलिए दाखिले से इंकार कर दिया क्योंकि वह पीड़िता है। इस पर सीबीएसई ने भी स्कूल से जवाब मांग था। दूसरी ओर, अभिभावकों ने सीबीएसई को पत्र भेजा है। पत्र में उन्होंने कहा है कि उन्हें स्कूल पर कोई कार्रवाई नहीं करानी है।
उनका कहना है कि वह किसी भी तरह का विवाद नहीं चाहते हैं। मामले में गढ़ी कैंट स्थित स्कूल के प्रिंसिपल डीके शिमाल का कहना है कि उन्होंने पीड़िता को एडमिशन से मना नहीं किया था। उन्होंने बताया कि छात्रा के एडमिशन के लिए कुछ जरूरी कागजात की सीबीएसई से जरूरत थी, जिसकी मांग की गई थी। उन्होंने कहा कि एडमिशन न देने के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं।