नई दिल्ली : दिल्ली सचिवालय में काम करने वाले कर्मचारी अब अपने साथ बच्चों को भी दफ्तर ले जा सकेंगे। इन बच्चों के लिए वहां शिशु गृह की शुरुआत की गई है। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सचिवायल में गुरुवार को शिशु गृह का औपचारिक उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत के पीछे दिल्ली सरकार का विचार यही है कि सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले बहुत से कर्मचारियों एवं अधिकारियों को अपने छोटे बच्चों को घर छोड़ते समय निजी शिशु गृह में भेजना पड़ता है। इस कारण अभिभावक अपने बच्चों के साथ बहुत कम समय बिता पाते हैं। लेकिन इस प्रयास से अब दिल्ली सचिवालय में कार्यरत कर्मचारियों व अधिकारियों की अपने बच्चों के साथ भौतिक दूरियां तो कम होगी ही, साथ साथ मानसिक और मनोभावों के तौर पर मजबूती भी मिलेगी।
महिला एवं बाल विकास विभाग की सराहना करते हुए सिसोदिया ने कहा कि शिशु गृह की स्थापना से यहां काम करने वाले अभिभावक अपने बच्चों की साथ भोजन करना या कहानियां सुनाना जैसे छोटे-छोटे काम कर पाएंगे और अपना महत्वपूर्ण समय बिता पाएंगे। यह एक शानदार मॉडल है जिसे हर कार्यस्थल पर अपनाया जाना चाहिए। इस कदम से कामकाजी महिलाओं को भी अपने बच्चों के साथ समय बिताने का अवसर मिलेगा जो कि बच्चे और मां दोनों के लिए बेहतरीन सिद्ध होगा।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक एस बी शशांक ने कहा कि अब वह कॉरपोरेट जगत को भी अपने कार्यस्थलों पर शिशु गृह बनाने के लिए प्रेरित करेंगे। वहीं शिशु गृह का निरीक्षण करते हुए मुख्य सचिव विजय कुमार देव ने इस शुरुआत के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की सराहना की और साथ-साथ उप मुख्यमंत्री की सलाहकार अभिनंदिता माथुर को भी इस तरह के नए और शानदार विचार के क्रियान्वयन के लिए बधाई दी।
ये हैं इंतजाम
यह शिशु गृह जो कि दिल्ली सचिवालय की बिल्डिंग के दूसरी मंजिल पर स्थित है उसमें दो फील्डिंग सेंटर है, सोने के लिए दो कमरे हैं, जिनमें 4 बेड हैं। एक खेल का कमरा, 2 ड्रेसिंग रुम और एक बड़ा सा लिविंग एरिया है जिसमें बच्चे व उनके माता-पिता रह सकते हैं।