सबरीमाला मंदिर जाने की योजना बना रही एक दलित महिला कार्यकर्ता ने भारी वर्षा के चलते अपनी योजना फिलहाल स्थगित कर दी है। वहीं उस समय हंगामा हुआ जब एक अन्य महिला को श्रद्धालुओं ने मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया क्योंकि उन्होंने सोचा कि उसकी आयु 50 वर्ष से कम थी।
मासिक पूजा के लिए मंदिर के कपाट खुलने का आज चौथा दिन था। उच्चतम न्यायालय ने पिछले महीने 10 से 50 वर्ष के बीच आयु की महिलाओं के भगवान अयप्पा के मंदिर में दर्शन पर लगी सदियों पुरानी रोक हटा दी थी।
मंदिर की परंपराओं में किसी को भी हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए : रजनीकांत
मंदिर परिसर से करीब पांच किलोमीटर दूर पम्बा में कैंप कर रहे शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने दलित महिला फेडरेशन की नेता मंजू के साथ चर्चा की जिस दौरान वह कथित रूप से इस बात पर अड़ी रही कि वह भगवान अयप्पा के दर्शन करने के लिए जाना चाहती हैं। पुलिस सूत्रों ने कहा कि पुलिस ने उनसे कहा कि शनिवार शाम में क्षेत्र में भारी वर्षा के चलते पहाड़ी पर चढाई में मुश्किल होगी।
उन्होंने कहा कि महिला को मंदिर जाने वाली सड़कों की फिसलभरी स्थिति और पहाड़ी पर चढाई में मुश्किल तथा वर्षा में उसे सुरक्षा मुहैया कराने में दिक्कत को लेकर समझाया गया।
सूत्रों ने कहा कि पुलिस महिला की पृष्ठभूमि की पुष्टि कर रही है। मंदिर के लिए उसकी चढ़ाई के बारे में निर्णय रविवार सुबह में किया जाएगा। पुलिस ने कहा कि वह पुलिस संरक्षण में है।
मंजू के बारे में कहा जा रहा है कि उसकी आयु 35 से 40 वर्ष के बीच है। उसके द्वारा मंदिर जाने का प्रयास करने से एक दिन पहले मंदिर परिसर में उस समय हंगामा हुआ जब दो महिलाएं पुलिस की सुरक्षा में पहाड़ी के ऊपर पहुंच गईं। यद्यपि उन्हें गर्भगृह पहुंचने से पहले ही श्रद्धालुओं के विरोध के चलते वापस होना पड़ा।
मंजू यदि मंदिर पहुंच जाती है तो वह उच्चतम न्यायालय द्वारा पिछले महीने 10 से 50 वर्ष आयु की महिलाओं पर मंदिर जाने से रोक हटाने के निर्णय के बाद वहां पहुंचने वाली इस आयुवर्ग की पहली महिला होगी।
इससे पहले ‘वालिया नदापंढाल’ में बड़ी संख्या में एकत्रित श्रद्धालुओं ने एक महिला के मंदिर में प्रवेश का विरोध किया। यद्यपि तनाव तब समाप्त हुआ जब अपने परिवार के सदस्यों के साथ आयी महिला ने प्रदर्शनकारियों को इसको लेकर आश्वस्त कराने में सफल रही कि उसकी आयु 50 वर्ष से अधिक है। वह बाद में मंदिर की ओर बढ़ी।