नयी दिल्ली : आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने आज कहा कि विपक्षी पार्टियों द्वारा शासित राज्यों के साथ केंद्र की एनडीए सरकार की ओर से किए जा रहे ‘‘अन्याय’’ पर चिंता जाहिर करने के लिए क्षेत्रीय दलों को तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) से हाथ मिलाना चाहिए। केंद्र में सत्तारूढ राजग से तेदेपा के नाता तोड़ लेने के बाद अपने पहले दिल्ली दौरे पर आए नायडू ने कहा कि उनकी प्राथमिकता आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा और धनराशि देने के लिए केंद्र पर दबाव बनाना है। यहां कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात करने वाले नायडू ने कहा, ‘‘आज मेरी प्राथमिकता मेरा राज्य है। हमने एनडीए इसलिए छोड़ा क्योंकि सरकार हमारी मांगों की अनदेखी कर रही थी। यह अन्याय है।’’ मुख्यमंत्री ने भाजपा नेता हेमा मालिनी और जयंत सिन्हा एवं एनडीए की सहयोगी पार्टियों के नेताओं से भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाने के तेदेपा के प्रयासों को क्षेत्रीय एवं वामपंथी पार्टियों ने समर्थन दिया था। नायडू ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हम उनके शुक्रगुजार हैं। हमें केंद्र पर दबाव बनाने के लिए उनके समर्थन की जरूरत है ताकि राज्यों की अनदेखी नहीं हो सके।’’
तेदेपा के एक नेता ने बताया कि नायडू ने अपनी पार्टी के सांसदों से कहा था कि वह आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिए जाने की ‘‘भीख’’ नहीं मांगेंगे और एनडीए से किसी तरह के मेलमिलाप की गुंजाइश नहीं के बराबर है। संसद में अपनी पार्टी के नेताओं से मुलाकात करने वाले नायडू ने वामपंथी नेताओं से भी विशेष दर्जे पर चर्चा की। नायडू से मुलाकात के बाद माकपा नेता मोहम्मद सलीम ने कहा, ‘‘हमने मुलाकात की। हमने आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे के मुद्दे पर चर्चा की। हमने प्रधानमंत्री की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए। हमने चर्चा की कि आंध्र प्रदेश के सांसदों के लिए यह कितना हताश करने वाला है।’’ उन्होंने कहा कि वामपंथी नेताओं ने नायडू को भरोसा दिलाया कि वे उनका समर्थन करते हैं। नायडू ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं से भी ‘‘सार्थक मुलाकात’’ की। तृणमूल के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, ‘‘नायडू ने तेदेपा की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर तृणमूल कांग्रेस के ठोस समर्थन के लिए शुक्रिया अदा किया।’’ उन्होंने 15वें वित्त आयोग के प्रस्तावों पर भी चर्चा की।
नायडू ने कांग्रेस, सपा, बसपा, अन्नाद्रमुक, द्रमुक और शिवसेना के नेताओं से भी मुलाकात की। नायडू ने कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता शरद पवार और शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) की नेता हरसिमरत कौर बादल से मुलाकात की। संसद के सेंट्रल हॉल में हुई इस मुलाकात का मकसद तेदेपा की ओर से केंद्र के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर समर्थन जुटाना था। तेदेपा ने यह आरोप लगाते हुए भाजपा से नाता तोड़ लिया था कि वह आंध्र प्रदेश की अनदेखी कर रही है और केंद्र सरकार राज्य को विशेष दर्जा देने में नाकाम रही है। मुख्यमंत्री की मीडिया इकाई की तरफ से जारी एक बयान के मुताबिक, नायडू ने नेशनल कांफ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला, तृणमूल कांग्रेस नेता सुदीप बंद्योपाध्याय, भाकपा नेता डी राजा, अन्नाद्रमुक नेता वी मैत्रेयन, अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल और समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव से भी मुलाकात की।
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