राष्ट्रीय राजधानी में अगले माह होने वाले दिल्ली नगर निगम (MCD) के चुनाव में भी भी एक बार फिर बागी नेताओं की समस्या सियासी दलों के लिए चुनौती बन रही हैं। इससे पूर्व हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस को इसका सामना करना पड़ा था। माना जा रहा है कि नाराज नेताओं के कारण कई सीटों पर भाजपा को नुकसान झेलना पड़ सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजाबी समुदाय, जैन समुदाय और पहाड़ी समुदाय में अपने समाज में पर्याप्त प्रतिनिधित्व न मिलने की बात से काफी रोष हैं।
AAP उठा सकती है लाभ
बात करें जैन समुदाय कि तो पूर्वी दिल्ली, मध्य दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली में अच्छी खासी संख्या में रहने वाले जैन वोटरों को भाजपा का कोर वोटर माना जाता हैं। पिछले चुनावों पर नजर डाले तो भाजपा इस समुदाय से आने वाले काफी उम्मीदवारों को टिकट देती रहीं है लेकिन इस बार वार्ड संख्या 72 से पिंकी जैन के रूप में एकमात्र जैन उम्मीदवार को पार्टी ने मैदान में उतारा है। माना जा रहा है कि इसका लाभ आम आदमी पार्टी उठा सकती है।
भाजपा को लगेगा झटका
वहीं दूसरी ओर पहाड़ी समुदाय भी भाजपा से खिसकता नजर आ रहा है। हालांकि भाजपा ने कई पहाड़ी उम्मीदवारों को टिकट दिया है लेकिन इस वर्ग का मानना है कि दक्षिणी दिल्ली और नजफगढ़ जिले में समुदाय से आने वाले व्यक्ति को टिकट देकर ज्यादा बेहतर सम्मान दिया जा सकता था। आपको बता दें कि इन क्षेत्रों में पहाड़ी समुदाय जीत-हार को तय करने का दम रखते हैं। अगर यहां भी बागी नेताओं की समस्या उत्पन हुई तो भाजपा को दूसरा झटका लगेगा।
भाजपा, आप और कांग्रेस के बीच मुकाबला
पंजाबी समुदाय में भी इसी बात का रोष है। समाज को प्रतिनिधित्व न मिलने से भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ता भी पार्टी से दूरी बनाते नजर आ रहे है। माना जा रहा है कि इस हालात का दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी लाभ उठाने का भरपूर प्रयास करेगी। आपको बता दें कि दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए मतदान 4 दिसंबर को होना है और नतीजे 7 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। इस चुनाव में मुख्य रूप से भाजपा, आप और कांग्रेस के बीच मुकाबला होना है।