सीएम आवास पर पुलिस पहुंचने का राज - Punjab Kesari
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सीएम आवास पर पुलिस पहुंचने का राज

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नई दिल्ली : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर हुई मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के मामले में शुक्रवार सुबह दिल्ली पुलिस दल बल के साथ सीसीटीवी फुटेज जब्त करने सीएम आवास पहुंच गई। यह दिल्ली के इतिहास में पहली बार हुआ है, जब किसी मामले में कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस सीधे सीएम के आवास में घुसी हो। पुलिस ने सीएम आवास से सीसीटीवी फुटेज का डीवीआर (डायरेक्ट वीडियो रिकॉर्ड) हार्डडिस्क को जब्त कर लिया है। मगर फुटेज की जांच में कुछ गड़बड़ी की बातें सामने आई हैं, जो एक साजिश की ओर इशारा है। पुलिस ने जब्त हार्ड डिस्क को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। वहीं पुलिस सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से साक्ष्यों के साथ सीएम आवास पर मुख्य सचिव से हुई मारपीट के घटनाक्रम से पर्दा उठाने की कोशिश करेगी।

40 मिनट मौजूद रहे सीएम…
आधिकारिक पुलिस सूत्रों की मानें तो जब वे सीएम आवास पहुंचे तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनका स्वागत किया और जांच में पूरा सहयोग किया। उन्होंने पुलिस से कहा कि वह खुद चाहते हैं कि इस मामले में निष्पक्ष और सही जांच हो। पुलिस सूत्रों की माने तो वे सीएम आवास में जांच के दौरान आवासीय क्षेत्र की ओर नहीं बढ़े। वहीं सीएम आवास में पुलिस की जांच के दौरान करीब 40 मिनट तक अरविंद केजरीवाल अपने आवास में परिवार के अन्य सदस्यों के साथ ही मौजूद थे। पुलिस का कहना हे कि जांच के दौरान अरविंद केजरीवाल से किसी तरह की कोई पूछताछ नहीं की गई। करीब 40 मिनट बाद सीएम एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आवास से निकल गए थे।

सीसीटीवी रिकॉर्डिंग नहीं दी तो आना पड़ा…
एडिशनल डीसीपी नॉर्थ दिल्ली हरिंदर सिंह ने कहा कि पुलिस को सीएम हाउस में सबूत, घटना की स्टडी और सीसीटीवी फुटेज लेने के लिए आना पड़ा। उन्होंने बताया कि पुलिस ने घटना के अगले दिन ही कैमरों की रिकॉर्डिंग मांगी थी, लेकिन तीन दिन तक भी नहीं दी गई। जिसके बाद शुक्रवार सुबह पुलिस टीम सीएम हाउस पहुंची। जांच के दौरान पुलिस को वहां 21 कैमरे लगे मिले, जो ड्राइंग रूम और कॉरिडोर में लगे हैं। मगर इनमें सात कैमरे काम नहीं कर रहे थे।

बंद कैमरे-टाइम में गड़बड़ जांच से खुलेगा राज…
पुलिस अधिकारी के मुताबिक सीएम आवास में सात कैमरे बंद तो थे ही, साथ में जो कैमरे चालू थे। उसमें रिकॉर्डिंग टाइम गड़बड़ मिला है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इसके पीछे साजिश भी हो सकती है। पुलिस को सीसीटीवी फुटेज पूरे 40 मिनट 42 सेकेंड पीछे मिली है। पुलिस ने इसकी जांच के लिए हार्डडिस्क फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दी है। पुलिस बंद कैमरों की भी पड़ताल करेगी कि आखिर ये काम क्यों नहीं कर रहे थे। कहीं ऐसा तो नहीं कुछ खास जगह के कैमरों को ही बंद किया गया था। या फिर इन्हें बाद में बंद किया गया हो।

वारदात स्थल पर नहीं लगा था कैमरा… जिस रूम में मुख्य सचिव के साथ मारपीट हुई थी, वहां पुलिस को किसी तरह का कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं मिला। कहीं ऐसा तो नहीं कि बैठक जानबूझकर उस कमरे में रखी गई, जहां सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा था। वहीं पुलिस ने निरीक्षण करने के साथ-साथ वहां के कर्मचारियों से आवास की पुताई, मरम्मत और सीसीटीवी लगाने के समय से संबंधित पूछताछ भी की।

रिपोर्ट, गवाही और फुटेज ‘आप’ पर पड़ेगी भारी…
सीएम आवास पर दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ हुई मारपीट के आरोपियों पर पुलिस की जांच धीरे-धीरे भारी पड़ती नजर आ रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पुलिस जल्दबाजी में नहीं बल्कि कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए काम कर रही है। सूत्रों का कहना है कि मेडिकल रिपोर्ट में अंशु प्रकाश के साथ मारपीट की पुष्टि हो चुकी है। चेहरे, कानों के पीछे सूजन के निशान और कटा होंट इस बात की गवाही देता है कि उनके साथ मारपीट हुई थी।

वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुख्य सलाहकार वीके जैन भी गवाही दे चुके हैं कि सीएम आवास पर अंशु प्रकाश के साथ मारपीट हुई थी। इन दोनों कड़ियों के बाद अब पुलिस के हाथ सीसीटीवी फुटेज भी लग गई है। ऐसे में अब अंशु प्रकाश के साथ मारपीट करने वाले विधायकों का बच पाना मुश्किल है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पता चलेगा कि आखिर उस दिन सीएम आवास पर कौन-कौन विधायक कब-कब पहुंचे थे।

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– वसीम सैफी

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