कई दिनों से आरबीआई से जुड़ी खबर वायरल हो रही थी । दरअसल खबर है कि देश में 88,000 करोड़ रुपये के 500 रुपये के नए नोट ‘लापता’ हो गए है जिसकी जानकारी सरकार को भी नहीं है। मीडिया में इस तरह की खबरें थी कि सरकारी प्रेस ने जितनी मात्रा में ₹500 के नए नोट छापे उतने बैंक को मिले ही नहीं।
आईबीआई ने किया खंडन
इसका मतलब है कि करीब 88,000 करोड़ रुपये के नोट ‘लापता’ हो गए। लेकिन अब आरबीआई ने इस खबर का खंडन करते हुए पूरे मामले को सुलझा लिया है।
881.06 करोड़ नए नोट छापे
एक रिपोर्ट्स में सूचना का अधिकार से मिली जानकारी के आधार पर ₹500 के नए नोट ‘लापता’ होने की बात कही गई थी। आरटीआई में कहा गया था कि सरकारी नोट प्रेस ने 881.06 करोड़ नए नोट छापे। लेकिन आरबीआई के पास 726 करोड़ नोट ही पहुंचे। अब आरबीआई ने इस मामले में सफाई दी है।
आरटीआई में दी गई जानकारी ठीक नहीं थी – RBI
इस पूरे मामले पर केंद्रीय बैंक का कहना है कि आरटीआई में दी गई जानकारी को सही संदर्भ में नहीं समझा गया। ये रिपोर्ट सही नहीं है। आरटीआई में सरकारी प्रेस से जो जानकारी मांगी गई है। वह सिर्फ कितने नोट छापे इसकी बात बताती है।
इससे पहले 2000 के नोट बंद हुए थे
इससे पहले आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट भी बंद करने का ऐलान किया है। बैंकों में ये नोट जमा करने की आखिरी तारीख 30 सितंबर हैं।
आईबीआई ने किया खंडन
इसका मतलब है कि करीब 88,000 करोड़ रुपये के नोट ‘लापता’ हो गए। लेकिन अब आरबीआई ने इस खबर का खंडन करते हुए पूरे मामले को सुलझा लिया है।
881.06 करोड़ नए नोट छापे
एक रिपोर्ट्स में सूचना का अधिकार से मिली जानकारी के आधार पर ₹500 के नए नोट ‘लापता’ होने की बात कही गई थी। आरटीआई में कहा गया था कि सरकारी नोट प्रेस ने 881.06 करोड़ नए नोट छापे। लेकिन आरबीआई के पास 726 करोड़ नोट ही पहुंचे। अब आरबीआई ने इस मामले में सफाई दी है।
आरटीआई में दी गई जानकारी ठीक नहीं थी – RBI
इस पूरे मामले पर केंद्रीय बैंक का कहना है कि आरटीआई में दी गई जानकारी को सही संदर्भ में नहीं समझा गया। ये रिपोर्ट सही नहीं है। आरटीआई में सरकारी प्रेस से जो जानकारी मांगी गई है। वह सिर्फ कितने नोट छापे इसकी बात बताती है।
इससे पहले 2000 के नोट बंद हुए थे
इससे पहले आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट भी बंद करने का ऐलान किया है। बैंकों में ये नोट जमा करने की आखिरी तारीख 30 सितंबर हैं।