आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं। रलवे टेंडर घोटाले में दिल्ली की एक अदालत ने लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी को तलब किया है। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने लालू समेत 12 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। इससे पहले सीबीआई ने राजद अध्यक्ष व पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बेटे व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, प्रेम गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता, होटल चाणक्य के मालिक विजय कोचर और विनय कोचर, आईआरसीटीसी के मैनेजिंग डायरेक्टर पीके गोयल, आईआरसीटीसी के डायरेक्टर राकेश सक्सेना, जनरल मैनेजर बीके अग्रवाल और लालू के करीबी रहे प्रेम गुप्ता समेत 14 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था।
स्पेशल जज ए.भारद्वाज ने रलवे टेंडर घोटाले मामले में लालू, पत्नी राबड़ी देवी और छोटे बेटे तेजस्वी यादव के आलावा आरोपियों को कोर्ट में छह अक्टूबर से पहले हाजिर होने का निर्देश दिया। उन्होंने इसी के साथ बताया, “प्रवर्तन निदेशालय ने जो दस्तावेज दाखिल किए हैं, उन्हें देखने के लिए कोर्ट को थोड़ा और वक्त चाहिए।” साल 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने रेलवे के पुरी और रांची स्थित बीएनआर होटल के रखरखाव आदि के लिए आईआरसीटीसी को स्थानांतरित किया था। सीबीआई के मुताबिक, नियम-कानून को ताक पर रखते हुए रेलवे का यह टेंडर विनय कोचर की कंपनी मेसर्स सुजाता होटल्स को दे दिए गए थे।
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आरोप के मुताबिक, टेंडर दिए जाने के बदले 25 फरवरी, 2005 को कोचर बंधुओं ने पटना के बेली रोड स्थित तीन एकड़ जमीन सरला गुप्ता की कंपनी मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग कंपनी लिमिटेड को बेच दी, जबकि बाजार में उसकी कीमत ज्यादा थी। जानकारी के मुताबिक, इस जमीन को कृषि जमीन बताकर सर्कल रेट से काफी कम पर बेच कर स्टांप ड्यूटी में गड़बड़ी की गई। बाद में 2010 से 2014 के बीच यह बेनामी संपत्ति लालू प्रसाद की पारिवारिक कंपनी लारा प्रोजेक्ट को सिर्फ 65 लाख रुपए में ही दे दी गई, जबकि उस समय बाजार में इसकी कीमत करीब 94 करोड़ रुपए थी। मालूम हो कि सुशील मोदी ने आरोप लगाया था कि इस जमीन पर पटना का सबसे बड़ा शॉपिंग मॉल बनाया जा रहा है।