नई दिल्ली : कांग्रेस ने अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिया है, लेकिन दिल्ली कि स्थिति अभी तक स्पष्ट नहीं है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन होगा या नहीं होगा, अभी तक क्लीयर नहीं हुआ है। मंगलवार को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं की दो बैठकें हुई हैं। पहली बैठक राहुल गांधी के साथ तो दूसरी बैठक दिल्ली प्रदेश इलेक्शन स्क्रीनिंग कमेटी की। राहुल गांधी के साथ बैठक के बाद शीला दीक्षित कुछ निराश दिखीं, जिसके बाद अटकलें लगाई जाने लगी कि गठबंधन की बात शायद आगे बढ़ गई है।
घोषणा पत्र जारी करने के बाद राहुल गांधी से जब पत्रकारों ने आप पार्टी से गठबंधन पर सवाल पूछा तो उन्होंने भी साफ-साफ कुछ नहीं कहा। उनका कहना था कि आप पार्टी से गठबंधन पर राहुल गांधी ने जवाब दिया कि इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए, हमने देशभर में जिस भी पार्टी से गठबंधन किया है वो सभी को पता है। सकारात्मक गठबंधन के लिए हमारे रास्ते खुले हुए हैं।
लोकसभा चुनाव-2019 से पहले दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन पर काफी समय से ऊहापोह की स्थिति कायम है। कभी हां, कभी ना के बीच आज फिर से आप-कांग्रेस गठबंधन को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के घर पर अहम बैठक हुई। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बैठक बुलाई थी।
राहुल के घर पर 10.30 बजे हुई इस बैठक में दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित और दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको भी मौजूद थे। बताया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर पेच फंसा है, जिसे सुलझाने की काफी दिनों से कोशिश की जा रही है।
राहुल गांधी ने रखी शर्त… चर्चा है कि इस बैठक में जो बातचीत हुई है, उसमें राहुल गांधी ने एक शर्त रख दी है। बताया जा रहा है कि बैैठक के दौरान राहुल गांधी ने पीसी चाको, शीला दीक्षित और अजय माकन के समक्ष यह शर्त रखी कि या तो आप से गठबंधन करके तीन सीटों पर लड़ो या अकेले लड़ के सातों सीटें जीतो। बताया जा रहा है कि इसके जवाब में शीला समेत नेताओं ने सातों सीटें जीतने को लेकर आशंका जताई। इस पर राहुल गांधी ने कहा तब ठीक है, आप लोग जाइए मैं देखता हूं।
अब ऐसे में राहुल गांधी की शर्त को देखते हुए शीला दीक्षित अपने रुख में परिवर्तन कर सकती हैं और दिल्ली में आप से कांग्रेस का गठबंधन हो सकता है। कहा जा रहा है कि दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन लगभग तय है और इसका एलान भी जल्द ही हो जाएगा। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले राहुल गांधी के साथ हुई बैठक में शीला दीक्षित खेमे ने जहां एक ओर इसके विरोध में राय रखी थी, वहीं पीसी चाको-अजय माकन गुट ने खुलकर गठबंधन की पैरवी की थी।
इसी कड़ी में मंगलवार को फिर राहुल गांधी ने दिल्ली में बैठक बुलाई थी। बता दें कि बीते दिनों आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गठबंधन से इनकार कर दिया है। हालांकि, बाद में सीएम अरविंद केजरीवाल ने ये भी कहा था कि राहुल गांधी ने फरवरी की बैठक में गठबंधन से इनकार किया था। सीएम केजरीवाल के इस बयान पर सफाई देते हुए आम आदमी पार्टी से सांसद संजय सिंह ने कहा कि फरवरी के दूसरे सप्ताह में राहुल गांधी ने अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी समेत कुछ अन्य नेताओं की उपस्थिति में गठबंधन से इंकार किया था। यानी की गठबंधन की संभावना बनी हुई है।
दो-दो नाम सेंट्रल सलेक्शन कमेटी को सौंपे
मंगलवार को दूसरी बैठक प्रदेश स्क्रीनिंग कमेटी की हुई। जिसमें दिल्ली के सभी सातों सीटों पर प्रत्याशी के लिए दो-दो नाम सेंट्रल सलेक्शन कमेटी (एसएससी) को सौंपे दिए गए हैं। दिल्ली प्रभारी पीसी चाको ने बताया कि स्क्रीनिंग कमेटी में सभी सातों सीटों पर उन्होंने दो-दो, तीन-तीन नामों का चयन कर एसएससी को दिए गए हैं।
अगले पांच तारीख को इन नामों को लेकर कमेटी में चर्चा होगी। जिसके बाद नाम फाइनल होंगे। गठबंधन के मसले पर चाको का कहना है कि आज की बैठक में इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। राहुल गांधी ही इस मसले पर अंतिम निर्णय लेंगे। उनका कहना है कि उन्होंने गठबंधन होने और न होने दोनों का नफा-नुकसान से राहुल गांधी को अवगत करा दिया है। अंतिम निर्णय उन्हीं को करना है।