देश में हाल ही में चर्चित श्रद्धा वालकर हत्याकांड के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला को लेकर जा रही दिल्ली पुलिस की एक वैन पर सोमवार रात को रोहिणी स्थित फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) के बाहर कुछ हथियारबंद लोगों ने हमला कर दिया। सूत्रों ने बताया कि, पूनावाला को पॉलीग्राफ जांच के लिए एफएसएल ले जाया गया था। सूत्रों ने बताया कि, शाम को एक कार ने पुलिस वैन को ओवरटेक किया और उसे रूकने पर मजबूर कर दिया। उसके बाद कुछ लोग कार से उतरे और पूनावाला को लेकर जा रही वैन पर हमला कर दिया। पुलिस ने बताया कि, वैन को मौके से हटा लिया गया है, दो हमलावरों को हिरासत में ले लिया गया है और हथियार जब्त कर लिए गए हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल है घटना का वीडियो
पुलिस ने बताया कि घटना शाम को छह बज कर करीब 45 मिनट पर हुई। इस तथा-कथित घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं। उनमें से एक वीडियो में देखा जा सकता है कि तलवारें लिए हुए हमलावरों को तितर-बितर करने के लिए एक पुलिसकर्मी अपनी रिवाल्वर निकाल रहा है। एक क्लिप में कुछ हमलावरों को यह दावा करते हुए सुना जा सकता है कि वे दक्षिणपंथी समूह से संबंधित हैं और पूनावाला के टुकड़े-टुकड़े करके श्रद्धा वालकर की हत्या का बदला लेना चाहते हैं।
हिन्दू सेना ने नहीं किया इस घटना का समर्थन
रोहिणी के पुलिस उपायुक्त जी. एस. सिद्धू ने कहा, ‘‘दो लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।’’ पुलिस के अनुसार, हिरासत में लिए गए दोनों लोगों की पहचान कुलदीप और निगम के रूप में हुई है। अधिकारी ने बताया कि, घटना के सिलसिले में प्रशांत विहार थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है। घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने कहा, ‘‘इन कार्यकर्ताओं ने जो कुछ भी किया है, अपनी व्यक्तिगत भावनाओं के अतिरेक में किया है। पूरे देश को पता है कि पूनावाला ने एक हिन्दू लड़की के टुकड़े-टुकड़े कर दिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘संगठन ऐसे किसी काम का समर्थन नहीं करता है जो भारत के संविधान के खिलाफ है। हम कानून में विश्वास करते हैं।’’
13 दिन की न्यायिक हिरासत में है आरोपी आफताब
गौरतलब है कि, पूनावाला ने दक्षिण दिल्ली के महरौली स्थित मकान में श्रद्धा वालकर की कथित रूप से गला दबा कर हत्या कर दी थी और उसके शरीर को 35 टुकड़ों में काटने के बाद 300 लीटर के फ्रिज में करीब तीन सप्ताह तक रखा, और फिर उन टुकड़ों को कई दिनों तक शहर के अलग-अलग हिस्सों में फेंका। पुलिस ने पूनावाला को 12 नवंबर को गिरफ्तार किया, जिसके बाद उसे पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया। पुलिस हिरासत को 17 नवंबर को पांच दिन के लिए बढ़ा दिया गया। अदालत ने 22 नवंबर को फिर से पूनावाला को चार दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा और उसके बाद 26 नवंबर को उसे 13 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।