बिजली चोरी रोकने के लिये पुलिस को और कदम उठाने की जरूरत : उच्च न्यायालय - Punjab Kesari
Girl in a jacket

बिजली चोरी रोकने के लिये पुलिस को और कदम उठाने की जरूरत : उच्च न्यायालय

NULL

नयी दिल्ली : पुलिस को बिजली चोरी रोकने के लिये और कदम उठाने की जरूरत है, भले ही वे इस प्रकार के मामलों में कार्वाई कर रहे हों। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज यह बात कही। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश गीता मिथल और न्यायाधीश सी हरि शंकर ने डीईआरसी, बिजली वितरण कंपनी (डिस्काम), बीएसईएस राजधानी और दिल्ली पुलिस को बिजली चोरी रोकने का निर्देश देने संबंधी एक याचिका की सुनवाई करते हुये कहा, शायद आपको और अधिक प्राथमिकी दर्ज करने की आवश्यकता है। शायद आपको कुछ और करने की जरूरत है।  दिल्ली सरकार के अतिरिक्त स्थायी अधिवक्ता गौतम नारायण ने पुलिस का प्रतिनिधित्व करते हुये न्यायालय से कहा कि वह बिजली चोरी की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर रही है और जांच-पड़ताल के बाद अनेक लोगों को गिरफ्तार किया गया गया।

पुलिस ने अपनी स्थिति रपट में कहा कि इस साल 30 सितंबर तक उसे डिस्काम की ओर से बिजली चोरी की कुल 3,853 शिकायतें मिलीं, जिसके आधार पर 2,897 मामले दर्ज किये गये। इन 2,897 मामलों की जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने कुल 461 लोगों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। इसमें बताया गया कि परिचालन एवं प्रशासकीय कारणों की वजह से इस प्रकार के मामलों से निपटने के लिये अलग से पुलिस थाना स्थापित करना संभव नहीं है।  पुलिस ने अपनी स्थिति रपट में कहा कि हालांकि पुलिसकर्मी बिजली चोरी के मामलों से निपटने के प्रति संवेदनशील हैं।  याचिका दायर करने वाले रमन सूरी ने आरोप लगाया था कि डिस्काम ने बिजली की दरें बढ़कर बिजली चोरी का अपना बोझ वास्तविक उपभोक्ताओं पर डाल दिया है। हालांकि डिस्काम बीएसईएस राजधानी ने इन आरोपों का खंडन किया है। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिये 24 जनवरी की तारीक निश्चित की है।

 

लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक  करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

twelve − 8 =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।