नई दिल्ली : राजधानी में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिया गया आदेश पिछले तीन सालों से फाइलों में ही घूम रहा है। शायद यही कारण है कि दिल्ली सरकार द्वारा वर्ष 2015 से शुरू किए गए सभी 24 सरकारी अस्पतालों को सुधारने की दिशा में अभी तक कोई ठोस काम नहीं हो पाया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय सीमा देने के बाद भी देरी को लेकर सीएम ने नाराजगी जाहिर की है। दरअसल, राजधानी के 24 सरकारी अस्पतालों में कुल 183 ऑपरेशन थियेटर (ओटी) हैं। इनमें से 31 ओटी पर्याप्त उपकरण और स्टॉफ की कमी से चल नहीं पा रहे।
दिल्ली के अस्पतालों का पूरा बोझ 152 ओटी पर है जिस कारण मरीजों को ऑपरेशन के लिए महीनों तक इंतजार करना पड़ता है। कई बार मरीजों को एक-एक साल बाद का समय दिया जाता है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नवंबर 2015 में केंद्रीय खरीद एजेंसी को आठ अस्पताल से 13 एनेथिसिया वर्क स्टेशन बनाने की डिमांड भेजी थी। इस संबंध में 29 दिसंबर 2015 को टेंडर भी जारी कर दिए थे। मार्च 2018 तक 90 दिनों की समय सीमा के साथ उपकरण उपलब्ध करवाने का आदेश भी जारी कर दिए गए थे लेकिन क्या करण है कि इन आठ अस्पतालों में उपकरणों को लगाने की समय सीमा 30 जून 2018 की गई।
वहीं सितंबर 2017 में केंद्रीय खरीद एजेंसी को दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में 54 एनेथिसिया वर्क स्टेशन बनाने की डिमांड प्राप्त हुई। इस संबंध में आठ दिसंबर 2017 को टेंडर भी जारी कर दिए गए। वर्तमान में तकनीकी मूल्यांकन जारी है। इन अस्पतालों के लिए समय सीमा 31 दिसंबर 2018 तय की गई है। अधिकारी की माने तो मुख्यमंत्री दिल्ली के अस्पतालों में सुविधाओं को जल्द से जल्द सुधारना चाहते हैं।
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– राकेश शर्मा