हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी करार दिया है। चौटाला को चार साल की सजा सुनाई गई है। अदालत ने यह फैसला जेबीटी घोटाले में सुनाई है। दिल्ली की एक अदालत ने हरियाणा के पूर्व सीएम पर 50 लाख जुर्माना भी लगाया है। इसके साथ ही उनकी चार संपत्तियां अटैच की जाएंगी। फैसले के मुताबिक हैली रोड, गुरुग्राम जन प्रतिनिधि, पंच कुला और असोला स्थित ओपी चौटाला की संपत्तियां जब्त की जाएंगी।
5 लाख रुपये केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो
इसके अलावा अदालत ने 5 लाख रुपये केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को देने के लिए भी कहा है। अगर वो यह जुर्माना नहीं देते हैं उन्हें 6 महीने और सजा काटनी होगी। साल 2008 में ओम प्रकाश चौटाला और 53 अन्य पर साल 1999 से सला 2000 तक राज्य में 3,206 जूनियर बेसिक प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में घोटाले के आरोप लगाए गए थे।
जांच के बाद 2010 में चार्जशीट दाखिल की गई
यह मामला 1997 में हरियाणा के सिरसा के सदर डबवाली में दर्ज किया गया था और इसमें जांच एजेंसी ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। मौजूदा मामला सीबीआई ने 2006 में दर्ज किया था। जांच के बाद 2010 में चार्जशीट दाखिल की गई थी। सीबीआई ने 106 गवाह पेश किए और गवाही पूरी करने में करीब सात साल लगे। चौटाला का बयान चार्जशीट के सात साल बाद 16 जनवरी 2018 को दर्ज हो सका।
अधिक संपत्ति जमा करने के आरोप में भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया गया
चौटाला के भाई प्रताप सिंह की शिकायत पर 17 जवररी 1997 को थाना सदर डबवाली में आय से अधिक संपत्ति जमा करने के आरोप में भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया गया था लेकिन जांच के बाद इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई थी। सुप्रीम कोर्ट तक मामला गया था लेकिन पुलिस की रिपोर्ट को खारिज नहीं किया गया था।
तिहाड़ में काट चुके हैं सजा
साल 2019 में प्रवर्तन निदेशालय ने चौटाला की तीन करोड़ 68 लाख की संपत्ति जब्त की। जब्त की गईं संपत्तियां नई दिल्ली, पंचकूला और सिरसा में हैं। यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति के मामले में हुई थी। चौटाला को जनवरी 2013 में जेबीटी घोटाले में दोषी करार दिया गया था। इस मामले में अदालत ने उनको 10 साल की सजा सुनाई थी। पिछले साल ही चौटाला दिल्ली की तिहाड़ जेल से सजा पूरी कर बाहर आए थे।