नई दिल्ली : राजधानी में अब तक उग्र विरोध का तरीका पुलिस की बैरिकेडिंग पर चढ़ने को ही माना जाता था, लेकिन अब पुलिसकर्मी ही बैरिकेड पर चढ़कर विरोध-प्रदर्शन करने वालों पर काबू पाएंगे। यह नए बैरिकेड की मदद से होगा, जिसमें पुलिस के लिए तो बैरिकेड पर चढ़ने की व्यवस्था रहेगी, लेकिन प्रदर्शनकारी बैरिकेड पर अपनी पकड़ नहीं बना पाएंगे। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, देश के संविधान में विरोध प्रदर्शन की आजादी है, लेकिन कई बार यह आजादी पुलिस महकमे के लिए भारी पड़ जाती है। बैरिकेड पर चढ़कर प्रदर्शनकारी पुलिस से अपनी मांगों को मनवाने की कोशिश करते हैं और उनको काबू करने के लिए मजबूरन पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ता है। ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए ही पुलिस ने नई डिजाइन की बैरिकेडिंग लगाई है, जिसके जरिए उग्र प्रदर्शनकारियों को उनकी हद समझाई जाएगी।
पुलिस ने विरोध, धरना प्रदर्शन के लिए विशेष तरह की बैरिकेड की शुरुआत की है, जो मध्य, उत्तरी, उत्तर पूर्वी, दक्षिणी और नई दिल्ली जिले में आवंटित किए गए हैं। पुलिस उपायुक्त, पी एंड एल (प्रॉविजन एंड लॉजिस्टिक) शरद सिन्हा ने बताया कि अभी पूरी दिल्ली में 800 ऐसे बैरिकेड लगाए गए हैं। इन बैरिकेड को डिजाइन करते समय इस बात का खास ख्याल रखा गया है कि इन बैरिकेड पर प्रदर्शनकारी चढ़ न सके। उन्होंने बताया कि इसी साल इन बैरिकेड्स की शुरुआत की गई है और जरूरत पड़ने पर इनकी संख्या में इजाफा किया जाएगा।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अभी इन बैरिकेड्स को थानों में सिर्फ ऐसे स्थानों पर लगाया जा रहा है, जहां प्रदर्शन होते रहते हैं। मसलन, नई दिल्ली जिले में जंतर-मंतर के आसपास, आईटीओ पर पुलिस मुख्यालय के इर्द-गिर्द, रामलीला मैदान में पास इन बैरिकेड को देखा जा सकता है। बैरिकेड्स को वजन में भारी बनाया गया है, जिससे उनको आसानी से प्रदर्शनकारी हटा न सकें। इसके साथ ही बैरिकेड के बेहतर रख-रखाव के लिए इसमें इंटरलॉकिंग का सिस्टम रहेगा। वहीं जरूरत पड़ने पर रस्सों की मदद से भी बैरिकेड को आपस में बांधा जा सकेगा।
अधिक जानकारियों के लिए बने रहिये पंजाब केसरी के साथ।
– रवि भूषण द्विवेदी