नई दिल्ली : दिल्ली जलबोर्ड ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देशों की अनुपालना के चलते राजधानी की 800 से अधिक सोसाइटियों को पानी खींचने के लिए लगाए गए बूस्टर पंपों को हटाने के नोटिस जारी किए हैं। इससे सोसाइटियों के लोगों में पानी को लेकर परेशानी बढ़ गई है। इसके चलते वाॅटर माफिया सक्रिय हो गया है और औने-पौने दामों पर पानी बेच रहा है। धीरे-धीरे गर्मी बढ़ने के साथ लोगों को पानी प्राप्त करने के काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। द्वारका की करीब 250 सोसाइटियों को जलबोर्ड का यह नोटिस मिला है जिसके बाद कुछ लोगों ने अपने बूस्टर पंपों के कनेक्शन हटवा दिए।
इस संबंध में द्वारका फोरम के सदस्य अनिल कुमार पराशर ने बताया कि द्वारका फोरम में करीब एक हजार सोसाइटी हैं। जिनमें से करीब 250 सोसाइटियों को नोटिस दिया गया है। बूस्टर पंपों के कनेक्शन तो कट गए लेकिन जलबोर्ड सोसाइटियों की जरूरत के हिसाब से पानी की आपूर्ति नहीं कर पा रहा है। इसके चलते पानी के टैंकरों की चांदी हो गई है। ये लोगों से ज्यादा मात्रा में पैसा वसूल रहे हैं। जबकि सरकार की घोषणा के अनुसार एक परिवार को 20 हजार लीटर पानी मिलना चाहिए।
इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि सरकार की नाकामियों के कारण इस बार की गर्मियों में दिल्ली के लोग पानी को तरस जाएंगे। दिल्ली में जाड़ों में भी सरकार पानी का प्रबंध नहीं कर पाई। पानी की कमी तथा प्रदूषित पानी की आपूर्ति से जनता बुरी तरह परेशान है। अब बूस्टर पंपों हटाये जाने से लोगों की परेशानी ओर बढ़ जाएगी।
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