गैरसैंण राजधानी न बनाना आंदोलनकारियों से धोखा - Punjab Kesari
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गैरसैंण राजधानी न बनाना आंदोलनकारियों से धोखा

बिष्ट ने कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य के राजनीतिक दलों ने गैरसैंण को पूर्णकालिक राजधानी

देहरादून : गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के बैनर तले पूर्णकालिक राजधानी गैरसैंण बनाने की मांग को लेकर धरना आज भी जारी रहा। इस मौके पर उत्तराखंड राज्य निर्माण हेतु जंतर-मंतर पर चले आंदोलन में बडी भूमिका निभाने वाले संगठन उत्तराखंड जनता संघर्ष मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष रहे खुशहाल सिंह बिष्ट ने अभियान कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य के राजनीतिक दलों ने गैरसैंण को पूर्णकालिक राजधानी न बनाकर प्रदेश के आंदोलनकारियों का मखौल उड़ाया है।

उन्होंने कहा कि देहरादून से राजधानी संचालन किया जाते रहना राज्य अवधारणा का भी अपमान है। इस सबका प्रतिकार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बहुत शीघ्र ही देश की राजधानी से प्रमुख प्रवासी संगठन गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान का हिस्सा बन जाएंगे। उन्होंने अभियानकर्मियों को साधुवाद दिया कि उन्होंने मुद्दे पर बहस को पुनरू मुख्य पटल पर ला खड़ा किया है।

आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए ए. डी. नौटियाल ने कहा कि गैरसैंण राजधानी की लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक कि गैरसैंण को पूर्णकालिक व स्थाई राजधानी घोषित नहीं किया जाता है। इस मौके पर धरने के समर्थन में बैठे आनंदप्रकाश जुयाल ने कहा कि राजधानी बनने से प्रदेश की राजनीति में बड़ा परिवर्तन आएगा और वह सवाल जो फिलहाल नेपथ्य में चले गए हैं, पुनरू धरातल में लौट आएंगे।

बैठक को अभियानकर्मी मदनसिंह भंडारी, सुभाष रतूडी, हर्ष मैंदोली आदि ने भी संबोधित किया। धरने पर बैठने वालो मे खुशहाल सिंह बिष्ट, मनोज ध्यानी, लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, मदनसिंह भंडारी, इं. ए.डी.नौटियाल, इं. आनंदप्रकाश जुयाल, हर्ष मैंदोली, सुभाष रतूडी, नीरज गौड़ आदि शामिल थे।

गैरसैंण को राजधानी न बनाने के लिए जनता भी जिम्मेदार

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