सीलिंग से राहत नहीं तो फिर से होगा आंदोलन - Punjab Kesari
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सीलिंग से राहत नहीं तो फिर से होगा आंदोलन

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नई दिल्ली : सीलिंग के विरोध में व्यापारियों ने रविवार को राजघाट पर गांधी की समाधि पर प्रार्थना सभा की। चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ( सीटीआई) के नेतृत्व में व्यापारियों ने सीलिंग के विरोध में तीसरे दिन भी प्रदर्शन जारी रखा। व्यापारियों ने कहा कि यदि 10 फरवरी तक कोई अध्यादेश या बिल लाकर सीलिंग की कार्रवाई को स्थायी रूप से नहीं रोका गया तो फिर से दिल्ली बंद किया जाएगा। इस मौके पर सीटीआई के संयोजक बृजेश गोयल ने कहा कि अगर 10 फरवरी तक सीलिंग की समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकाला गया तो 11 फरवरी को व्यापारियों की फिर से महापंचायत बुलाई जाएगी।

इस बैठक में फिर से दिल्ली बंद का ऐलान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सीलिंग के विरोध में सीटीआई ने 72 घंटे का महाबंद बुलाया था। उन्होंने कहा कि एफएआर बढ़ाने के साथ जो पार्किंग की अनिवार्यता जरूरी कर दी गयी है वो मंजूर नहीं है। सीटीआई का कहना है कि तुरन्त एक बिल या अध्यादेश लाकर सीलिंग की कार्रवाई को तुरन्त रोका जाये और मास्टर प्लान एक्ट में बदलाव किया जाये और साथ में एफएआर बढ़ाकर पार्किंग की अनिवार्यता खत्म की जाये। सील की गयी दुकानों को खोला जाये और स्पेशल एरिया में कन्वर्जन चार्ज से छूट दी जाये। कन्वर्जन चार्ज की पेनल्टी और ब्याज को पूरी तरह से खत्म किया जाये। साथ ही जो दुकानदार पहले कन्वर्जन चार्ज दे चुके हैं उनसे कन्वर्जन चार्ज ना वसूला जाये।

48 घंटे बंद के बाद खुले बाजार
कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के सीलिंग के खिलाफ 48 घंटे के दिल्ली व्यापार बंद के बाद रविवार को बाज़ार खुले और कारोबारी गतिविधियां सामान्य रूप से चली। हालांकि जिन मार्केटों का साप्ताहिक अवकाश रविवार को होता है वो बंद रहे। सीलिंग को लेकर कैट द्वारा रविवार को हिंदी भवन में व्यापारी नेताओं की बैठक हुई। बैठक के दौरान व्यापारियों ने कहा कि सीलिंग से बचाने के लिए डीडीए द्वारा लाये गए प्रस्ताव बेहद भ्रामक हैं।

प्रत्येक प्रस्ताव के साथ कुछ ऐसी शर्तें लगाई गई हैं जिनका पालन बेहद मुश्किल है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की डीडीए के प्रस्ताव बेहद जल्दबाज़ी में तैयार किए गए हैं। उन्होंने सुझाव दिया की बिना कोई जल्दबाज़ी किये सरकार को व्यापक अध्यन के बाद प्रस्ताव तैयार करने चाहिए जिससे पूरी दिल्ली को सीलिंग से राहत मिल सके। इसको देखते हुए सरकार को संसद में एक बिल लाकर सीलिंग को छह महीने के लिए स्थगित करना चाहिए और इसी अवधि में सरकार को प्रस्ताव तैयार करने चाहिए।

प्रस्ताव में किया जाए बदलाव
व्यापारियों ने कहा कि डीडीए के प्रस्तावों में सामान एफएआर का प्रस्ताव दिया गया है जो प्रैक्टिकल नहीं दिखाई देता। दिल्ली में तरह तरह के क्षेत्र हैं जिनमें कई तरह के बुनियादी अंतर है खास तौर पर कमर्शियल, मिक्स्ड लैंड यूज़, पैदल पथ, स्पेशल एरिया, गांव की आबादी आदि और प्रत्येक क्षेत्र के लिए अलग तरह के एफएआर की जरूरत है जिससे सभी लोगों को राहत मिल सके। जिन क्षेत्रों को नगर निगम या डीडीए ने कमर्शियल घोषित किया है या कमर्शियल बेचा अथवा दिया है उनसे किसी भी तरह का कन्वर्जन शुल्क लेना बेमानी है।

व्यापारियों ने कहा कि सीलिंग को छह महीने के लिए स्थगित करते हुए सरकार को महाधिवक्ता को सलाह देनी चाहिए की वो सर्वोच्च न्यायालय में पेश होकर न्यायालय को सरकार के कदम ओर मंशा के बारे में बताएं ओर यह भी बताएं की सरकार छह महीनों में प्रस्ताव तैयार कर लागू करेगी।

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