दिल्ली में आज डॉक्टरों ने नेशनल मेडिकल कमिशन बिल (NMC) के खिलाफ डॉक्टरों ने हल्ला बोल कर दिया है। 1,000 से अधिक डॉक्टर बिल के खिलाफ हॉस्पिटल से संसद तक मार्च निकलाने का फैसला किया है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार देश में चिकित्सा का नेशनल मेडिकल कमिशन बिल लागू करने वाली है। इस कानून को लोकसभा में पेश कर दिया गया है। इस कानून का डॉक्टरों द्वारा जमकर विरोध किया जा रहा है। एम्स और सफदरजंग के रेजिडेंट डॉक्टरों की अगुवाई में देश के कई राज्यों से आए डॉक्टर्स इस मार्च में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली पहुंच चुके हैं।
डॉक्टरों की इस मुहिम को इंडियन मेडिकल असोसिएशन और दिल्ली मेडिकल असोसिएशन का भी साथ है। एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर असोसिएशन के प्रेजिडेंट डॉक्टर हरजीत सिंह भाटी ने कहा कि यह बिल आम लोगों और गरीबों के खिलाफ है। जिस रूप में इस बिल को पेश किया गया है, उस रूप में हम इसे कभी भी स्वीकार नहीं कर सकते हैं। डॉक्टर ने कहा कि दोपहर एक बजे यह रैली एम्स से निकाली जाएगी। इस रैली में दिल्ली के सभी मेडिकल कॉलेज, एम्स और सफदरजंग के रेजिडेंट डॉक्टर के साथ-साथ मेडिकल स्टूडेंट्स और नर्स भी हिस्सा लेंगी। डॉक्टर भाटी ने कहा कि हमारा सबसे बड़ा विरोध ब्रिज कोर्स को लेकर है।
#Delhi: Doctors march from AIIMS hospital to Parliament in protest against National Medical Commission Bill. #NMCBill pic.twitter.com/Qs2NdlknuQ
— ANI (@ANI) February 6, 2018
इस कोर्स के जरिए आयुष के डॉक्टर मॉडर्न प्रैक्टिस करने लगेंगे। इससे गरीबों को इलाज से ज्यादा नुकसान होगा, उनकी जिंदगी खतरे में होगी। दूसरा विरोध उस एग्जिट एग्जाम को लेकर है, जो इस बार शुरू किया जा रहा है। डॉक्टर ने कहा कि अब हमारे एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने वाले डॉक्टर को एक और एग्जाम देने होगा, पास होने के बाद भी वो प्रैक्टिस कर पाएंगे। पहले ऐसा नहीं था, एमबीबीएस डिग्री हासिल होते ही लोग प्रैक्टिस करने लगते थे। अब तक विदेशों से MBDS की डिग्री लेकर आने वाले को यहां प्रैक्टिस करने से पहले यह एग्जाम देना पड़ता था। इसके अलावा डॉक्टरों ने 40 पर्सेंट सीटों पर प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों का कंट्रोल होने की बात को गलत करार दिया है। एम्स के डॉक्टर विजय कुमार ने कहा कि आयुर्वेद को इस तरह के किसी भी पाठ्यक्रम की आवश्यकता नहीं है। आयुर्वेद अपने आप में सम्पूर्ण है।
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