विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए समान व्यवस्था की जरूरत : बंबई HC - Punjab Kesari
Girl in a jacket

विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए समान व्यवस्था की जरूरत : बंबई HC

दो छात्रों ने विधि में मास्टर डिग्री में दाखिला देने से इंकार के लिए दो अलग-अलग कॉलेजों के

बंबई हाई कोर्ट ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार को उसके सभी विश्वविद्यालयों में छात्रों की दाखिला प्रक्रिया के लिए समान व्यवस्था बनाने की जरूरत है। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की पीठ ने इस महीने के प्रारंभ में टिप्पणी की थी कि कुछ शैक्षाणिक संस्थानों में दाखिला प्रक्रिया में असमानता है।

दो छात्रों ने विधि में मास्टर डिग्री में दाखिला देने से इंकार के लिए दो अलग-अलग कॉलेजों के फैसले को चुनौती देते हुए बंबई हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर की थी। याचिकाकर्ताओं के मुताबिक, उन्होंने अनजाने में अपने तीन वर्षीय डिग्री पाठ्यक्रम के दौरान हासिल औसत अंक की जगह अपने स्नातक के अंतिम वर्ष में हासिल अंक का उल्लेख किया था।

भीमा कोरेगांव : सुप्रीम कोर्ट ने बंबई हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई

पीठ ने कहा कि विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में अपनायी जाने वाली प्रक्रिया में इस पर असमानता है कि किस अंक को ध्यान में रखा जाए। अदालत ने कहा कि असमानता के कारण छात्रों को नुकसान होता है। पीठ ने कहा कि कुछ विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष में आए अंक को ध्यान में रखा जाता है जबकि कुछ विश्वविद्यालयों में सभी वर्षों की परीक्षाओं में हासिल अंक के औसत को अंतिम (फायनल) माना जाता है। अदालत ने दोनों याचिकाकर्ताओं को संबंधित कॉलेजों में दाखिला दिए जाने के निर्देश दिए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

2 × 2 =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।