पटना बामेती के कान्फ्रेंस हॉल में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कृषि, पशुपालन व सहकारिता विभाग से जुड़ी केन्द्र प्रायोजित 524 करोड़ की योजनाओं की विस्तृत समीक्षा के बाद विभागीय अधिकारियों को वर्तमान वित्तीय वर्ष में अधिकतम राशि प्राप्त कर खर्च करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि तीनों विभागों से संबंधित केन्द्र प्रायोजित योजनाओं की प्रत्येक तीन महीने पर समीक्षा बैठक कर शत प्रतिशत राशि खर्च करने की कार्ययोजना तैयार की जाए। बैठक में कृषि मंत्री प्रेम कुमार और सहाकारिता मंत्री राणा रणधीर के अलावा केन्द्र व राज्य सरकार के वरीय विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
श्री मोदी ने कहा कि बिहार में छह नए कृषि विज्ञान केन्द्र खोलने के साथ ही नालंदा के चंडी में पहले से संचालित सेंटर फॉर एक्सेलेंस में सब्जी तथा इस्लामपुर में पान अनुसंधान संस्थान खोला जायेगा।
इसके अलावा 186.83 करोड़ की राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत पूर्णिया में 64 करोड़ की लागत से सिमेन सेंटर तथा बक्सर के डुमरांव में राज्य सरकार द्वारा दी गयी 75 एकड़ जमीन पर 8 करोड़ की लागत से देशी पशुओं के नस्ल सुधार के लिए गोकुल ग्राम की स्थापना की जा रही है। इन दोनों परियोजनाओं के लिए भारत सरकार ने 65 करोड़ रुपये जारी कर दिया है।
बिहार में 1250 कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र तथा मोतिहारी और पटना में गर्भाश्य ट्रांसफर तकनीक केन्द्र स्थापित किए जायेगे। पशु संजीवनी योजना के अन्तर्गत पशुओं की गणना और टैगिंग की जायेगी। नीली क्रान्ति योजना के अन्तर्गत केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत 278 करोड़ की परियोजना के लिए 40 करोड़ की राशि जारी कर दी गयी है।
एनसीडीसी ने बिहार को 2300 करोड़ से अधिक का ऋण सस्ती दर पर स्वीकृत किया है जिसमें घान खरीद के लिए को-ऑपरेटिव बैंक को 800 करोड़, कम्फेड को 500 करोड़ तथा डेयरी क्षेत्र के विकास के लिए आईसीडीपी योजना के अन्तर्गत 600 करोड़ रुपये का ऋण दिया है। एनसीडीसी द्वारा राज्य के 8463 पैक्सों में प्रति पैक्स 20 लाख रुपये की लागत से कृषि सयंत्र केन्द्र की स्थापना के लिए 1692 करोड़ की योजना की स्वीकृति अंतिम चरण में हैं।