मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में बीच में नया जांच दल बनाना जांच के लिये होगा नुकसानदेह : SC - Punjab Kesari
Girl in a jacket

मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में बीच में नया जांच दल बनाना जांच के लिये होगा नुकसानदेह : SC

सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न कांड की जांच के लिये नया जांच दल गठित करने

सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न कांड की जांच के लिये नया जांच दल गठित करने के पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर मंगलवार को रोक लगा दी। न्यायालय ने कहा कि इस तरह का आदेश न सिर्फ जांच के लिये बल्कि पीड़ितों के हितों के लिये भी नुकसानदेह होगा।

शीर्ष अदालत ने मामले की जांच के लिये सीबीआई के विशेष निदेशक को नया जांच दल गठित करने के उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि मौजूदा जांच दल को बदलने का कोई कारण नहीं है। इसे सीबीआई निदेशक ने गठित किया था।

माल्या की हिरासत के लिये जारी पहला लुकआउट नोटिस कानून की नजर में टिकता नहीं : CBI

हाई कोर्ट ने एक गैर सरकारी संगठन द्वारा संचालित इस बालिका गृह में लड़कियों और महिलाओं के कथित बलात्कार और यौन शोषण की घटनाओं की जांच के लिये 29 अगस्त को केंद्रीय जांच ब्यूरो के विशेष निदेशक को नया जांच दल गठित करने का आदेश दिया था। न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने इस बात पर भी गौर किया कि मामले की जांच कर रहे दल पर जांच के तरीके को लेकर कोई आरोप नहीं लगे।

पीठ ने कहा, ‘‘हमें ऐसी कोई वजह नजर नहीं आती कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की जांच कर रहे मौजूदा जांच दल को इस समय बदला जाना चाहिए। यह जांच के लिये और उन बच्चियों के हित के लिये भी नुकसानदेह होगा, जिनका मुजफ्फरपुर बालिका गृह में यौन उत्पीड़न हुआ।’’

शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि जांच वही दल जारी रखेगा जिसका गठन सीबीआई निदेशक ने 30 जुलाई को किया था। पीठ ने सीबीआई से मामले में सीलबंद लिफाफे में दो स्थिति रिपोर्ट भी दाखिल करने को कहा, जिसे उच्च न्यायालय के समक्ष दाखिल किया गया था और मामले की अगली सुनवाई की तारीख 20 सितंबर को निर्धारित कर दी।

सरकार की आर्थिक मदद से चलने वाले इस गैर सरकारी संगठन में 30 से अधिक लड़कियों का कथित रूप से बलात्कार हुआ था। इस गैर सरकारी संगठन का संचालक ब्रजेश ठाकुर है।

बालिका गृह में लड़कियों के कथित बलात्कार और यौन शोषण की घटनायें राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग को टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइंसेज (टिस) की ओर से सौंपी गयी रिपोर्ट में सामने आयीं थीं।

यह मामला सुर्खियों में आने के बाद ब्रजेश ठाकुर सहित 11 व्यक्तियों के खिलाफ 31 मई को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। बाद में यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

seventeen − seventeen =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।