नई दिल्ली : अपनी मांगों को पूरी करवाने के लिए हरिद्वार से चला हजारों किसानों के काफिले ने दिल्ली की ओर कूच किया और राष्ट्रीय राजधानी की ओर जाने वाली प्रमुख सड़कों पर यातायात बाधित किया। राष्ट्रीय राजधानी की ओर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोंडा, बस्ती और गोरखपुर जैसे दूर-दराज की जगहों के साथ-साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गन्ना क्षेत्र से आये किसानों की भीड़ नजर आ रही थी। किसान बिना शर्त कर्ज माफी, गन्ना मिलों का बकाया भुगतान करना, फसलों का अधिकतम मूल्य दिया जाना, खेतों के लिए मुफ्त बिजली और डीजल के दामों में कटौती जैसी मांगों को लेकर मंगलवार को दिल्ली की ओर कूच किया। उत्तर-प्रदेश से लगने वाली सीमा पर स्थित पुलिस चौकियों में धारा 144 (निषेधाज्ञा) लागू होने के कारण पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने, किसी तरह की सार्वजनिक बैठक आयोजित करने, एम्प्लीफायर, लाउडस्पीकर और इसी तरह के किसी अन्य उपकरणों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गयी है।
किसानों से सुलह के लिए केंद्र सरकार की ओर से राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत आगे आए लेकिन बात नहीं बन सकी। कुल 11 मुद्दों पर बात बननी थी लेकिन 7 पर तो सहमति बन गई लेकिन 4 मुद्दे अटक गए। इस पर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के अध्यक्ष राकेश सिंह टिकैत ने कहा कि सरकार की मंशा किसानों की बात मानने की नहीं है। टिकैत ने कहा कि सरकार के साथ वार्ता नाकाम रही, इसलिए गाजीपुर बॉर्डर पर किसान रातभर प्रदर्शन करेंगे।
हरिद्वार में टिकैत घाट से 23 सितंबर को शुरू हुई किसान क्रांति यात्रा में उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से किसान शामिल होते गये। ये लोग पैदल, बसों में या फिर ट्रैक्टर ट्रॉलियों में सवार होकर आए हैं। इन लोगों के हाथों में भारतीय किसान यूनियन के बैनर हैं। इस यूनियन ने अपनी मांगों पर दबाव बनाने के लिए मार्च का आह्वान किया है। मेरठ से आये एक किसान हरमिक सिंह ने कहा, ‘हम सरकार से कोई भीख नहीं मांग रहे हैं. हम अपना अधिकार मांग रहे हैं।’ उन्होंने बताया कि किसान बिजली की ऊंची दरों और आसमान छूती ईंधन की कीमतों के कारण संकट में हैं। उन्होंने कहा, ‘आपको 500 रूपये का गैस ठीक लगता है क्या?’ एक अन्य किसान ने दावा किया कि तीन लाख से अधिक किसान राजघाट की ओर मार्च कर रहे हैं।
इसबीच किसानों का प्रदर्शन हिंसक हो गया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले और पानी की बौछार की। जिसमें कई किसान घायल हो गए। ये किसान मंगलवार को गांधी जयंती पर राजघाट से संसद तक विरोध मार्च करने की तैयारी में थे। लिहाज़ा राजघाट और संसद के आस-पास भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों की इस यात्रा को देखते हुए दिल्ली की सभी सीमाओं को सील कर दिया गया है। जगह-जगह नाकेबंदी की गई है. कई इलाक़ों में धारा 144 लगा दी गई है। दिल्ली ट्रैफ़िक पुलिस ने एडवाइज़री भी जारी की है, जिसमें कई इलाक़ों में जाने से बचने की सलाह दी गई है। किसान क्रांति यात्रा के मद्देनज़र पूर्वी और उत्तर पूर्वी दिल्ली में कई जगहों पर धारा 144 लागू कर दी गई है यानी 5 से ज़्यादा लोगों के एक साथ खड़े होने पर पाबंदी है।
किसान क्रांति पदयात्रा के LIVE UPDATES
– दिल्ली पुलिस का किसानों को प्रस्ताव कि अगर अगर किसान शांतिपूर्ण तरीके से किसान घाट तक जाने को सहमत हो तो दिल्ली पुलिस खुद अपनी 25 बसों में बैठाकर किसानों को किसान घाट ले जाने को तैयार
– अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार किसानों से किए वादे करने में नाकाम रही, जाहिर वे विरोध करेंगे, हम किसानों के साथ हैं
This Govt has not fulfilled the promises it made to farmers, so it is all but natural that farmers would protest. It is unfortunate and we fully support the farmers: Akhilesh Yadav on #Kisankrantiyatra pic.twitter.com/sWjCtl8hdu
— ANI UP (@ANINewsUP) 2 October 2018
– दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसानों को दिल्ली में घुसने से क्यों रोका जा रहा है, यह गलत है, हम किसानों के साथ हैं
Farmers should be allowed to enter Delhi. Why are they not being allowed to enter Delhi? This is wrong. We are with the farmers: Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal on ‘Kisan Kranti Padyatra’ stopped at Delhi-UP border pic.twitter.com/U8UfVkRRnb
— ANI (@ANI) 2 October 2018
– यूपी बॉर्डर पर पुलिस और किसानों के बीच हुई झड़प में कई किसान घायल हो गए हैं.
#WATCH Visuals from UP-Delhi border where farmers have been stopped during ‘Kisan Kranti Padyatra’. Police use water cannons to disperse protesters after protesters broke the barricades pic.twitter.com/9KUwKgvrwW
— ANI (@ANI) 2 October 2018
किसानों को रोकने के लिए सुरक्षाबलों ने वाटर कैनन के साथ साथ आंसू गैस के गोले छोड़े हैं लेकिन किसान पीछे हटने को तैयार नहीं
Visuals from UP-Delhi border where farmers have been stopped during ‘Kisan Kranti Padyatra’. Police use teargas shells to disperse protesters pic.twitter.com/ZlkodvZc3R
— ANI (@ANI) 2 October 2018
– यूपी गेट पर किसानों ने सुरक्षा का पहला घेरा तोड़ा लेकिन सुरक्षाबलों ने दूसरे घेरे पर रोका
– भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि हमें यहां क्यों रोक दिया गया है (यूपी-दिल्ली सीमा पर)? रैली एक अनुशासित तरीके से आगे बढ़ रही थी. अगर हम अपनी सरकार को हमारी समस्याओं के बारे में नहीं बता सकते तो हम किससे कहेंगे? क्या हम पाकिस्तान या बांग्लादेश जाए?
Why have we been stopped here (at UP-Delhi border)? The rally was proceeding in a disciplined manner. If we don’t tell our government about our problems then whom do we tell? Do we go to Pakistan or Bangladesh?: Naresh Tikait, President, Bharatiya Kisan Union pic.twitter.com/J15xmWpZ9G
— ANI (@ANI) 2 October 2018
– भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसान क्रांति पदयात्रा चल रही है.
Farmers gather at Delhi-UP border during ‘Kisan Kranti Padyatra’ The ‘Kisan Kranti Padyatra’ has been organized by farmers under the banner of Bharatiya Kisan Union. They’re seeking complete loan waiver,lower electricity tariff including other demands pic.twitter.com/JO128ixCFw
— ANI (@ANI) 2 October 2018
– किसान क्रांति यात्रा के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से बड़ी तादाद में गाजियाबाद पहुंचे किसानों को दिल्ली में एंट्री नहीं दी गई है
Security deployed at Delhi-UP border in wake of ‘Kisan Kranti Padyatra’ which will reach Delhi today.’Kisan Kranti Padyatra’ has been staged by farmers under the banner of Bharatiya Kisan Union. They’re seeking complete loan waiver,lower electricity tariff including other demands pic.twitter.com/OUlTfyGkuc
— ANI (@ANI) 2 October 2018
– दिल्ली आ रहे हज़ारों किसानों को यूपी गेट पर रोक दिया गया है. गाज़ीपुर और महाराजपुर बॉर्डर को सील कर दिया गया है. भारी तादाद में पुलिस की तैनाती की गई है.
मुख्यमंत्री से वार्ता रही विफल
जिलाधिकारी और एसएसपी ने करीब एक घंटे तक किसानों को समझाने की कोशिश की लेकिन किसान दिल्ली जाने पर अड़े रहे. देर रात प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों के साथ किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली से वापस लौटे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हिंडन एयर फोर्स स्टेशन पर मुलाकात की।
मुख्यमंत्री और प्रतिनिधिमंडल के बीच करीब दो घंटे चली वार्ता विफल रही और प्रतिनिधिमंडल के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की मांग पर अड़े रहे जिस पर मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्रियों से बातचीत की।
इसके बाद भाकियू का एक प्रतिनिधिमंडल गन्ना मंत्री सुरेश राणा के साथ दिल्ली के लिए रवाना हो गया। वहीं इस मामले पर जिलाधिकारी ऋतु माहेश्वरी का कहना है कि भाकियू का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली के लिए रवाना हो गया है जहां वह केंद्रीय मंत्रियों के साथ वार्ता करेगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल जीटी रोड स्थित चार फार्म हाउसों में किसानों के रहने की व्यवस्था की गई है।