नई दिल्ली : आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशभर के भाजपा कार्यकर्ताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद करेंगे। यह संवाद करीब दो घंटे का होगा। इसमें 15-20 केंद्रों पर दूसरे तरफ से भी संवाद की व्यवस्था होगी। यह कहना है भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल का। गुरुवार को वह सिविक सेंटर स्थित केदारनाथ साहनी ऑडीटोरियम में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय सम्मेलन में देशभर से आए कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने आगामी दो मार्च तक कार्यकर्ताओं के लिए कार्यक्रमों की घोषणा की। उसके बाद आचार संहिता लगने पर चुनाव प्रचार के कार्यक्रम बदले जाएंगे।
उन्होंने बताया कि आगामी चुनाव के लिए पार्टी ने प्रधानमंत्री से सभी प्रदेशों में कम से कम एक-एक और पार्टी की दृष्टी से कमजोर प्रदेशों में तीन से चार रैलियां करने का सुझाव दिया था। अपने व्यस्ततम समय के बाद भी प्रधानमंत्री ने एक जनवरी से उस पर काम करना शुरू कर दिया और कई प्रदेशों में एक से ज्यादा रैलियां कर ली हैं। इसी के तहत आगामी तीन फरवरी को वे जम्मू कश्मीर में लेह, जम्मू और श्रीनगर में तीन बड़ी रैलियां करेंगे। उन्होंने बताया कि इसके अलावा देश भर में चुनाव प्रचार के लिए तीन-चार लोकसभा का एक कलस्टर बनाया गया है। इन कलस्टरों में पार्टी कार्यकर्ताओं का सम्मेलन बुलाएगी।
कार्यकर्ताओं को टास्क देते हुए उन्होंने सभी से अपने घरों पर पार्टी का झंडा लगाने को कहा। साथ ही उस झंडे के साथ एक सेल्फी लेकर पार्टी द्वारा बनाए जा रहे हैस-टैग पर भेजने का निर्देश दिया। इसके अलावा प्रत्येक कार्यकर्ता को केंद्र और भाजपा शासित राज्य सरकार की नीतियों के दस लाभार्थियों से संपर्क का लक्ष्य भी दिया गया। कार्यकर्ताओं को इन लाभार्थियों से संपर्क कर सरकारों की उपलब्धियों की जानकारी देनी है और सरकार के प्रति उनकी अपेक्षा का पता लगाना है। इस मौके पर उन्होंने कार्यकर्ताओं को परिश्रम की पराकाष्ठा करने की नसीहत दी।
उनका कहना है कि परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता और भाजपा एक ऐसी पार्टी है, जिसके नेता के परिश्रम का देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में कोई सानी नहीं हैं। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली के बाहर से आए हुए कार्यकर्ताओं को अटल स्मृति स्थल और भाजपा राष्ट्रीय कार्यालय जरूर देखने की अपील की। इस अवसर पर हंसते हुए उन्होंने इस बात की भी घोषणा की कि अल्पसंख्यक मोर्चा का कोई भी कार्यकर्ता देश में कहीं भी घूमने जाएगा, तो पहली बार उसका खर्च केंद्रीय पर्यटन मंत्री केजे अल्फांस वहन करेंगे।