नई दिल्ली : रोहिणी के एक सरकारी स्कूल में शुक्रवार आठवीं कक्षा के छात्र की हुई स्कूल शौचालय में रहस्यमय मौत पर शोक प्रकट करते हुए दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने केजरीवाल सरकार से मांग की है कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए। साथ ही मृतक बच्चे के परिवार को 10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए। विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि स्कूल में पहुंचने के एक घंटे के अंदर ही स्कूल के शौचालय में मौत होना न केवल दुखद है, बल्कि आश्चर्यजनक भी है।
घटना पर रोष प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि स्कूल में डाॅक्टर सहित कोई चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं थी, जबकि दिल्ली स्कूल एजुकेशनल नियमावली 1973 के नियम 38 के अनुसार दिल्ली के सरकारी स्कूलों में आवश्यक पार्ट टाइम या पूर्ण कालिक मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति और जरूरी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि एक तरफ दिल्ली सरकार दिल्ली के स्कूलों में सुधार के बड़े-बड़े दावे कर रही है, दूसरी ओर बड़ी-बड़ी घोषणाओं के बावजूद स्कूलों में आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं को उपलब्ध नहीं करवाया गया है। यदि बच्चे को समय पर उचित चिकित्सा सुविधा मिल जाती तो उसकी जान को बचाया जा सकता था। आखिर इस घटना पर शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री ने चुप्पी क्यों साध रखी है।