दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के नव निर्वाचित सदन की शुक्रवार को हुई पहली बैठक हंगामेदार रही। 10 मनोनीत (एल्डरमैन) सदस्यों को पहले शपथ दिलाने को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य आपस में भिड़ गए, एक दूसरे पर कुर्सियां फेंकीं और धक्कामुक्की की। इस वजह से सदन की बैठक को महापौर और उपमहापौर का चुनाव कराए बिना ही स्थगित कर दिया गया।
भाजपा और ‘आप’ दोनों ने दावा किया है कि कुर्सियां फेंके जाने और पीठासीन अधिकारी का माइक्रोफोन छीनने के प्रयास में उनके पार्षदों को चोटें आई हैं। ‘आप’ पार्षद उपराज्यपाल की ओर से नियुक्त किए गए ‘एल्डरमैन’ को पहले शपथ दिलाने का विरोध करने के लिए मेज़ों पर चढ़ गए, जिसमें पीठासीन अधिकारी की मेज़ भी शामिल थी।
बैठक महापौर, उपमहापौर और स्थायी समितियों के सदस्यों के चुनाव के लिए बुलाई गई थी। पार्षदों के शपथ लेने के बाद यह चुनाव होना था।
एमसीडी के अधिकारियों के मुताबिक, यह निगम के इतिहास में पहली बार हुआ है कि नवनिर्वाचित सदन अपनी पहली बैठक में महापौर और उपमहापौर का चुनाव करने में विफल रहा।
‘आप’ नेताओं और पार्षदों ने आरोप लगाया कि निर्वाचित पार्षदों से पहले ‘एल्डरमैन’ को शपथ दिलाने का निर्णय उन्हें मतदान का अधिकार दिलाने की भाजपा की ‘चाल’ थी। पार्टी ने पहले यह भी आरोप लगाया था कि उपराज्यपाल ने विशेषज्ञों के बजाय भाजपा के लोगों को ‘एल्डरमैन’ के रूप में नियुक्त किया है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘संविधान का अनुच्छेद 243 आर स्पष्ट रूप से मनोनीत सदस्यों को सदन में मतदान करने से रोकता है। उनसे सदन में मतदान कराने का प्रयास असंवैधानिक है।’
‘आप’ पर पूर्व योजना के तहत सदन में हंगामा करने का भाजपा सांसदों ने आरोप लगाया। भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी और मनोज तिवारी के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में पश्चिम दिल्ली से लोकसभा सदस्य परवेश वर्मा ने कहा कि निर्वाचित और मनोनीत में कोई अंतर नहीं है। उन्होंने कहा, ‘एमसीडी में मनोनीत सदस्यों को एल्डरमैन कहा जाता है। क्या यह संभव है कि एल्डरमैन के पास मतदान अधिकार नहीं हैं?’
एमसीडी के सदन की बैठक में पीठासीन अधिकारी (प्रोटेम स्पीकर) और भाजपा पार्षद सत्या शर्मा के शपथ लेने के बाद हंगामा शुरू हो गया।
जैसे ही शर्मा ने ‘एल्डरमैन’ मनोज कुमार को शपथ लेने के लिए बुलाया, ‘आप’ पार्षदों और विधायकों ने इसका विरोध किया और भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारे लगाते हुए आसन के सामने आ गए। उन्होंने ‘भाजपा की गुंडागर्दी नहीं चलेगी’ जैसे नारे भी लगाए।
भाजपा पार्षदों ने पलटवार करते हुए ‘आप’ और उसके राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल के खिलाफ नारेबाजी की। दोनों दलों के पार्षद एक-दूसरे के साथ धक्का-मुक्की करते नजर आए।
हंगामे के बीच, सदन की कार्यवाही को एक घंटे से अधिक समय के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद भी स्थिति हंगामे वाली बनी रही। इसके कारण सदन की कार्यवाही भर के लिए स्थगित करनी पड़ी।
शर्मा ने कहा कि एमसीडी के सदन में हंगामे की जानकारी नगर निगम सचिव भगवान सिंह और एमसीडी आयुक्त ज्ञानेश भारती ने उपराज्यपाल के दफ्तर को दे दी है और चार ‘एल्डरमैन’ द्वारा ली गई शपथ मान्य है।
उन्होंने कहा कि एमसीडी के सदन की बैठक की अगली तारीख उपराज्यपाल कार्यालय द्वारा घोषित की जाएगी।
अधिकारियों के मुताबिक, इसमें कुछ दिन लग सकते हैं, क्योंकि पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के लिए पूरी प्रक्रिया नए सिरे से अधिसूचना के जरिए दोहरानी होगी।
उन्होंने कहा कि ‘प्रोटेम स्पीकर’ एमसीडी के सदन की सिर्फ पहली बैठक के लिए थे।
संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में वर्मा ने आरोप लगाया कि पार्टी की दो महिला पार्षदों को ‘आप’ पार्षदों ने घेर लिया और हमला किया। उन्होंने दावा किया कि भाजपा की महिला पार्षदों ने यह भी बताया कि ‘आप’ के कुछ पार्षदों ने शराब पी हुई थी।
तिवारी ने दावा किया कि भाजपा पार्षद शरद कपूर के पैर में ‘फ्रैक्चर’ हुआ है। उन्होंने कहा कि भाजपा की दिल्ली इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे, जहां कपूर का इलाज किया जा रहा है।
सचदेवा ने कहा कि एमसीडी के सदन में भाजपा पार्षदों पर हुए हमले के मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जाएगी।
भाजपा सांसदों ने आरोप लगाया कि सदन की बैठक के दौरान भाजपा के छह-सात पार्षद घायल हो गए। दिल्ली भाजपा मीडिया संपर्क प्रकोष्ठ के सह-प्रभारी विक्रम मित्तल ने कहा कि दो पार्षदों – शरद कपूर और कुसुमलता – की ‘मेडिको-लीगल केस’ (एमएलसी) रिपोर्ट प्राप्त हो गई है।
भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि महिला पार्षदों के साथ दुर्व्यवहार किया गया। सांसदों की प्रेस वार्ता में दो महिला पार्षद इंदर कौर और अनीता मौजूद थीं।
वर्मा ने कहा, ‘कुछ पुरुष पार्षदों ने इंदर कौर के साथ धक्का-मुक्की की और उनके बाल खींचे। जब उनपर किसी धारदार चीज से हमला किया गया, तो उनकी उंगली कट गई। जब हमारी पार्षद अनीता कौर बचाने के लिए आईं, तो उनकी भी उंगली कट गई।”
‘आप’ नेताओं ने भी दावा किया कि उनके कई पार्षद घायल हुए हैं।
‘आप’ विधायक आतिशी ने कहा, ‘हम अपने पार्षदों पर हमला करने के लिए भाजपा पार्षदों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराएंगे।” उन्होंने कहा कि घायल पार्षदों को इलाज के लिए लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल ले जाया गया है।
उन्होंने कहा, “ यह असंवैधानिक है और हमने सचिव से सदन की कार्यवाही स्थगित करने की मांग की। भाजपा और उपराज्यपाल को खुश करने के लिए नियम नहीं तोड़ने चाहिए।”
आप पार्षद प्रवीण कुमार के हाथ में चोट आई है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा विधायकों ने सदन में उन पर हमला किया। कुमार ने कहा, ‘उन्होंने मेरे कपड़े फाड़ दिए। यह एक जानलेवा हमला था। हम सिर्फ पहले ‘एल्डरमैन’ को शपथ दिलाने का विरोध कर रहे थे। लेकिन उन्होंने हम पर हमला किया।’
‘आप’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ‘आप’ अपने पार्षदों पर कथित हमलों के लिए प्राथमिकी दर्ज कराएगी।
पार्टी के विधायक भारद्वाज ने दावा किया कि मनोनीत सदस्य (एल्डरमैन) एमसीडी सदन में कभी मतदान नहीं करते।
‘आप’ ने आरोप लगाया है कि हंगामे में उसके 13 पार्षदों को चोटें आई हैं।
उन्होंने आरोप लगाया, “न तो महापौर चुनाव में और न ही उप महापौर चुनाव में। उन्हें स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव में भी वोट डालने की अनुमति नहीं है। भाजपा गलत तरीकों से अपने वोटों की संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रही है।”
सदन में हंगामा करने के लिए ‘आप’ पर निशाना साधते हुए भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘वे चुनाव का सामना करने से क्यों डर रहे हैं? यह फिर से साबित करता है कि उन्हें स्थापित नियमों और मानदंडों में कोई विश्वास नहीं है।’
एमसीडी में 250 निर्वाचित पार्षद शामिल हैं। दिल्ली में भाजपा के सात लोकसभा सदस्य और ‘आप’ के तीन राज्यसभा सदस्य तथा दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष द्वारा नामित 14 विधायक भी महापौर और उप महापौर पद के लिए होने वाले चुनावों में हिस्सा लेंगे। स्थायी समिति के छह सदस्य भी चुने जाएंगे।
नौ पार्षदों वाली कांग्रेस ने मतदान में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है।
‘आप’ को 250 सदस्यीय एमसीडी में स्पष्ट बहुमत हासिल है।
हालांकि, कुछ भाजपा नेताओं ने दावा किया है कि महापौर और उप महापौर चुनाव में कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है, क्योंकि एमसीडी में दल-बदल कानून लागू नहीं होता और चुनाव में ‘क्रॉस-वोटिंग’ भी संभव है।
‘आप’ नेता दिलीप पांडेय ने आरोप लगाया कि भाजपा ‘गुंडागर्दी’ के जरिए निगम का ‘नियंत्रण’ कर देश के संविधान और लोकतंत्र को ‘नष्ट’ कर रही है।
वहीं, सदन में ‘आप ’पार्षदों की कथित गुंडागर्दी के खिलाफ सचदेवा और दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर बिधूड़ी समेत भाजपा नेता शनिवार सुबह महात्मा गांधी की समाधि राजघाट के बाहर धरने पर बैठेंगे।
उन्होंने कहा है कि महापौर चुनाव गुप्त मतदान के जरिये होता है और पार्षद किसी भी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने के लिए स्वतंत्र हैं।
‘आप’ ने पिछले साल दिसंबर में हुए एमसीडी चुनाव में 134 वार्ड में जीत दर्ज कर एमसीडी में भाजपा के 15 साल पुराने शासन का अंत कर दिया था। भाजपा चुनाव में 104 वार्ड में विजयी रही थी। बाद में, मुंडका के निर्दलीय पार्षद गजेंद्र दराल भाजपा में शामिल हो गए थे।
महापौर चुनावों में कुल वोट 274 हैं। संख्या बल ‘आप’ के पक्ष में है, जिसके पास मुकाबले 150 वोट हैं, जबकि भाजपा के 113 मत हैं।
भाजपा के महापौर और उप महापौर पद के चुनावों में जीत दर्ज करने की संभावना न के बराबर है, लेकिन वह महत्वपूर्ण स्थायी समिति के तीन पद हासिल करने की कोशिश करेगी।
स्थायी समिति में 18 सदस्य होते हैं, जिनमें से 12 जोन से और छह सदन से चुने जाते हैं।